करगीरोड (कोटा)/ बिलासपुर। कोटा की प्राकृतिक संपदा, विशाल पहाड़ियों को स्लीपर बनाने वाली फैक्ट्री पाटिल रेल इन्फ्राट्रक्चर पहाड़ पर बिना अनुमति लिये अवैध रूप से पोकलैंड और जेसीबी लगाकर लगातार एक माह से खुदाई की जा रही थी। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तकरीबन 16 लाख रुपये का जुर्माना कम्पनी पर लगाया है। इस उत्खनन से कोटा के ऐतिहासिक धरोहरों को खासा नुकसान पहुंचने की आशंका है।

दरअसल इसकी जानकारी होने पर स्थानीय लोगों को हुई तो सीधे पाटिल ग्रुप के मैनेजर से मिले।  उन्होंने कहा कि हमने रेलवे से अनुमति ली है। पहाड़ खोदकर पानी टंकी बनाई जायेगी। जबकि रेलवे को पहाड़ खुदाई की अनुमति देने का अधिकार ही नहीं है।

नाराज लोगों ने कोटा एसडीएम आनंद रूप तिवारी को भी लगातार इस अवैध उत्खनन की जानकारी दी। शिकायत के बाद तिवारी अपने मातहतों के साथ वहां निरीक्षण करने पहुंचे। कंपनी के मैनेजर से उन्होंने उत्खनन की अनुमति सम्बन्धी कागजात दिखाने के लिए कहा। मैनेजर ने अगले दिन का समय लिया। एसडीएम ने तहसील ऑफिस पहुंचकर दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया। पर अगले दिन पाटिल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर कम्पनी का मैनेजर वहां पहुंचा ही नहीं। अधीनस्थ अधिकारियों ने भी ध्यान नहीं दिया और एक सप्ताह के भीतर बिना अनुमति आधी पहाड़ी कम्पनी ने काट डाली।

इस बीच नगर पंचायत चुनाव प्रचार के लिए कोटा पहुंची विधायक डॉ. रेणु जोगी से नागरिकों ने इस अवैध उत्खनन की शिकायत की। डॉ. जोगी ने तुरंत कलेक्टर से बात की और तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा।

कोटा विधायक रेणु जोगी के शिकायत करने के बाद कोटा पाटिल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में जिला खनिज अधिकारी ने छापामार कार्रवाई की जिसमें बिना रायल्टी पर्ची की एक हाईवा, एक ट्रैक्टर, पत्थर, रेत से भरी दो टिपर जब्त कर कोटा थाना को सौंपा । हालांकि जिला खनिज अधिकारी ने मौके से जेसीबी, पोकलैंड ,हाईवा को जब्त नहीं किया ।

कोटा के ग्राम पंचायत अमाली के विशाल पहाड़ को आधुनिक मशीनों से लगातार लगाकर खुदाई कर पाटिल रेल इंफास्ट्रक्चर प्राकृतिक संपदा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

जिला खनिज अधिकारी अनिल साहू बताया कि हमने टीम बनाकर कंपनी के बिना अनुमति खुदाई पर कार्रवाई की है।

प्रशासन की ओर से बताया गया है कि करगीरोड रेल्वे स्टेशन की पहचान एवं सौंदर्य व पर्यटन का आकर्षण प्राकृतिक संपदा पहाड़ को स्लीपर फैक्ट्री के द्वारा काटे जाने के संबंध में शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से की गई थी।

खनिज अमले ने 18 दिसंबर 2019 को जांच की। जांच में मेसर्स पाटिल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड करगी रोड कोटा द्वारा करगी रोड रेल्वे स्टेशन के समीप स्थित पहाड़ की कटाई कर स्लीपर फैक्ट्री में बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किये खनिज का उपयोग किया जाना पाया गया। खनिज अमले ने मेसर्स पाटिल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर करगीरोड कोटा को नोटिस जारी कर खनन की अनुमति तथा भण्डारित रेत की वैधता प्रमाणित करने नोटिस जारी की गई।
मेसर्स पाटिल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड करगीरोड कोटा के द्वारा निर्धारित समयावधि में वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। खनिज विभाग के द्वारा अवैध रूप से उत्खनन कर मुरूम तथा पत्थर का उपयोग किये जाने का प्रकरण दर्ज कर उपयोगित लगभग मात्रा 3850 घन मीटर मुरूम एवं पत्थर का अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर कुल 15 लाख 69 हजार150 रुपये जुर्माना लगाया गया।
फैक्ट्री परिसर में ही अवैध रूप से भण्डारित लगभग मात्रा 240 घनमीटर रेत की वैधता भी प्रमाणित नहीं की गई, जिस पर फैक्ट्री संचालक के विरूद्ध अवैध रेत भण्डारण का मामला भी दर्ज कर 56 हजार 160 रुपये जुर्माना लगाया गया। इस प्रकार मेसर्स पाटिल रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड करगीरोड कोटा को अवैध खनिज उत्खनन एवं भण्डारण का दोषी पाते हुए कुल 16 लाख 25 हजार 310 रुपये जुर्माना कलेक्टर बिलासपुर द्वारा आरोपित किया गया है।

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