बिलासपुर। वन विभाग के एसडीओ पर नायब तहसीलदार द्वारा की गई गई कार्रवाई के खिलाफ रोष जताते हुए छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई न होने पर चरणबद्ध आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
मालूम हो कि बीते 12 जनवरी को वन विभाग के एसडीओ विवेक चौरसिया की कार को सकरी के नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर ने जब्त करते हुए उन्हें तीन घंटे तक सकरी थाने में बिठाकर प्रताड़ित किया। चौरसिया के साथ वहां दुर्व्यवहार भी किया गया। एसडीओ चौरसिया ने आपत्ति भी कि मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई तो यातायात विभाग और पुलिस करती है आप सीधे क्यों गाड़ी जब्त कर रहे हैं। इस पर नायब तहसीलदार ने कहा कि वे प्रशासनिक अधिकारी हैं, अपने अधिकार को जानते हैं। ज्ञात हो कि वन एसडीओ भी राजपत्रित अधिकारी की श्रेणी में आते हैं।
राठौर पर आरोप है कि कवर्धा एसडीएम का परिवार कानन पेंडारी घूमने के लिए पहुंचा था, पर उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिली, इसलिये उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह कार्रवाई की। इधर कोटा एसडीएम आनंदस्वरूप तिवारी, जिनके अधीन नायब तहसीलदार राठौर काम करते हैं का कहना है कि उन्होंने इस कार्रवाई के लिए कोई आदेश नहीं दिया था।
दरअसल, डीएफओ को कवर्धा एसडीएम के परिवार के कानन पेंडारी पहुंचने की खबर प्रशासन के अधिकारियों ने पहुंचाई थी, पर किसी चूक के चलते यह जानकारी वन एसडीओ चौरसिया को नहीं मिल पाई। इस दौरान उन्होंने कानन पेंडारी के भीतर स्थित विश्राम गृह का कुछ महिलाओं द्वारा इस्तेमाल करते हुए देखा। इस पर उन्होंने अपने स्टाफ को डांटा। तब स्टाफ के लोगों ने बताया कि यह परिवार एसडीएम का है। इसके बाद चौरसिया ने उन्हें कुछ नहीं कहा।
घटना पर वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों में गुस्सा है। जिला वन मंडल अधिकारी सत्यदेव शर्मा ने मामले की शिकायत संभागायुक्त, कलेक्टर और पुलिस महानिरीक्षक से की है और कार्रवाई की मांग की है। विधायक शैलेष पांडेय ने भी घटना को चिंताजनक बताते हुए मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने मीडिया से कहा है कि घटना की जांच कराई जायेगी।
इधर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ की रायपुर व बिलासपुर इकाई ने एक बयान जारी कर कहा है कि कवर्धा एसडीएम के परिजन को वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिये जाने पर नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर राठौर द्वारा जबरदस्ती, बल पूर्वक कानन पेंडारी के अधीक्षक व उप वन मंडलाधिकारी विवेक चौरसिया को सकरी थाना लाया गया और उन पर व्हीकल एक्ट के तहत फर्जी कार्रवाई की गई। उनके साथ बदतमीजी की गई। एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ इस तरह का बर्ताव अशोभनीय है। वन कर्मचारी संघ इस कृत्य की घोर निंदा करता है, इसकी न्यायिक जांच कराई जाये। यदि सात दिन के भीतर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाती तो संगठन के सभी कर्मचारी चरणबद्ध आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। वन कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को इस बारे में पत्र लिखा है, जिसकी प्रतिलिपि विधायकों, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर आदि को भी भेजी गई है।