बिलासपुर। मटियारी में पांच लोगों की हत्या करने वाले रोशन सूर्यवंशी के सिर पर खून सवार था लेकिन अपने ममेरे भाई पर उसे तरस आ गया और उसे भागने का मौका दे दिया। घटना का वही एक प्रत्यक्षदर्शी है जो इस समय दहशत में है।

बिलासपुर जिले में हुई एक दिल दहलाने वाली वारदात में सीपत थाने के अंतर्गत ग्राम मटियारी में एक युवक ने अपने माता-पिता और तीन भाई बहनों की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। इसके बाद वह खुद एक ट्रक की चपेट में आ गया जिससे उसकी भी मौत हो गई। अभी यह साफ नहीं है कि वह दुर्घटना से मरा या खुद से जान दे दी।

डीएसपी प्रवीण राय ने बताया कि ग्रामीणों के अनुसार अपने भाई बहनों में सबसे बड़ा, आरोपी रोशन सूर्यवंशी (22 वर्ष)  सनकी और नशे का आदी था। उसकी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। सबेरे करीब साढ़े तीन बजे उसने बारी बारी अपने पिता रूपदास (45 वर्ष), मां संतोषी बाई (40 वर्ष), भाई रोहित (20 वर्ष), भाई ऋषि (15 वर्ष) और बहन कामिनी (18 वर्ष) की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी। इसके बाद वह एक ट्रक के सामने आ गया, जिसकी चपेट में आने से उसका सिर कुचल गया। इन छह मौतों से एक पूरा परिवार खत्म हो गया है। पता चला है कि शराब की लत को लेकर आरोपी को परिवार के लोग टोका-टाकी करते थे, जिसे लेकर वह सभी से नाराज रहता था और उनसे झगड़ा करता था।

घटना के बाद पुलिस अधिकारी गांव पहुंचे हैं। सीपत पुलिस द्वारा पंचनामा बनाकर शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है। पांच हत्याओं सहित 6 लोगों की मौत से गांव में मातम तथा दहशत का माहौल है। मटियारी सहित आसपास के लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंचे हुए हैं।

इस घटनाक्रम में 15 वर्षीय आकाश की जान बच गई। सीपत पुलिस ने बताया कि वह आरोपी का ममेरा भाई है जो पास के ग्राम पंधी से आकर रुका हुआ था। उसने बताया कि रात में सभी लोग खाना खाकर सो गये थे। रात साढ़े तीन बजे पास में सोये ऋषि की चीख से उसकी नींद खुली तो आरोपी मृतक रोशन अपने हाथ में खून से रंगी कुल्हाड़ी लेकर खड़ा था। आकाश को रोशन ने चेतावनी दी कि यदि जान बचानी है तो भाग जाओ। आकाश तुरंत बाहर की तरफ साइकिल लेकर भागा और अपने घर पंधी पहुंचकर ही दम लिया। रात में उसने आवाज देकर दरवाजा खुलवाया और अपने पिता को घटना की पूरी जानकारी दी। रात में ही आकाश के घर के लोग घटनास्थल पहुंचे, तब तक ट्रक की चपेट में आने से रोशन की मौत हो चुकी थी। आकाश ने किसी तरह प्रतिरोध किया होता और वहां से नहीं भागता तो आरोपी उस पर भी हमला कर सकता था।

घटना में सबसे अहम बात यह है कि एक ही घर में सोये लोगों की बारी-बारी हत्या कर दी गई लेकिन वारदात शुरू होने के बाद कोई जागा नहीं न ही संघर्ष किया। सभी मृतकों के शव सोये हुए हालत में ही मिले हैं।

 

 

 

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