बिजली संयंत्रों को किसी कीमत पर कोयले की कमी नहीं होने देंगे- जोशी

कोरबा। बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी की खबरों के बीच केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी आज बिलासपुर होते हुए कोरबा पहुंचे और वहां गेवरा, कुसमुंडा व दीपका खदानों में कोयले के भंडार तथा परिवहन की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान आंदोलनरत दीपका खदान के भू-विस्थापितों ने प्रदर्शन किया। मंत्री से मुलाकात का समय नहीं मिलने पर उन्होंने लोडिंग करने वाली मशीनों को भी बंद करा दिया।

केन्द्रीय मंत्री जोशी के साथ कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल भी पहुंचे हैं। मंत्री ने बिलासपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। अब कोयले की कमी नहीं है। पावर प्लांट्स मे किसी प्रकार कोयले की कमी नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि वे अधिकारियों के साथ कोयला उत्पादन बढ़ाने को लेकर मंथन करने जा रहे हैं। बारिश के दिनों में खदानों से कोयला निकालने में परेशानी होती थी लेकिन अब यह स्थिति नहीं है। बिजली संयंत्रों की रोज की मांग 1.1 मिलियन टन कोयले की है, जबकि कोल इंडिया 2 मिलियन प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की 41 खदानों से 150 लाख मीट्रिक टन एसईसीएल कोयले का उत्पादन करती है जो देश के कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत है। इनमें से 130 लाख मीट्रिक टन कोयला अकेले कोरबा की खदानों से निकलता है। कोरोना काल में बिजली की मांग कम होने के कारण संयंत्रों ने कोयले का उठाव कम कर दिया था, जिसके चलते एसईसीएल ने उत्पादन घटा दिया। अब अचानक बिजली की मांग बढ़ने पर मांग के अनुरूप परिवहन नहीं होने के कारण संकट पैदा हुआ है।

कोयला मंत्री बिलासा एयरपोर्ट पर उतरने के बाद हेलिकॉप्टर से कोरबा जाने वाले थे लेकिन इसकी व्यवस्था नहीं हो पाई, तब वे कार से कोरबा रवाना हुए। कोरबा में अधिकारियों से चर्चा के बाद उनका बिलासपुर लौटने के बाद रांची रवाना होने का कार्यक्रम है।

केन्द्रीय कोयला मंत्री के कोरबा प्रवास की जानकारी मिलने पर पिछले तीन सप्ताह से आंदोलन कर रहे भू विस्थापितों ने बैनर लगाकर धरना दे दिया। वे नौकरी व मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

बिलासपुर पहुंचने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद अरुण साव व अन्य नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री जोशी का एयरपोर्ट पर स्वागत किया।

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