रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीत कालीन सत्र 21 दिसंबर से शुरू होगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्र शेखर गंगराड़े ने इसकी अधिसूचना जारी की है। छत्तीसगढ़ विधानसभा का ये सत्र 30 दिसंबर तक चलेगा। इसमें कुल 7 बैठकें होनी हैं। तो वहीं नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक के तरकश में सवालों के एक से बढ़कर एक तीर इसी पल का इंतजार कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धान खरीदी, किसानों की आत्महत्या, इलाज के अभाव में सपरिवार आत्महत्या, माफियओ का आतंक, लचर कानून व्यवस्था जैसे तमाम ज्वलंत मुद्दे उनकी तूणीर में पड़े-पड़े शीत कालीन सत्र का इंतजार कर रहे हैं।
कौन -कौन से मुद्दे होंगे शामिल
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ता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राज्य में किसानों की धान खरीदी नहीं होना बेहद दुखद बात है। किसानों की आत्महत्या और विशेष कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले में किसान की आत्महत्या का मामला भी विधानसभा में गूंजेगा। इसके अलावा केंद्री में एक ही परिवार के 5 लोगों की सामूहिक आत्महत्या, राज्य में माफियाओं का आतंक और युवाओं की बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों के तीर इस बार विधानसभा के शीत कालीन रण में चलने वाले हैं। इसके अलावा अंबिकापुर में पकड़ाई 50 लाख की शराब, राज्य में बरामद हो रही गांजे की खेप, लचर कानून व्यवस्था जैसे तमाम मुद्दे विपक्ष लेकर तैयार है।
कोचिए खरीद रहे धान, आत्महत्या कर रहा किसान
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में इस वक्त तक तो आधी धान खरीदी हो जाया करती थी। वहीं राज्य धान की फसल कट कर तैयार हो चुकी है। सरकार अभी भी धान खरीदी नहीं कर रही है। तो वहीं मजबूरन किसान कोचियों को धान बेंच रहे हैं। चालाक कोचिए धान की कीमत 10 रूपए किलो लगा रहे हैं। ऐसे में किसान आत्महत्या नही तो और क्या करेगा ?
स्वास्थ्य मंत्री के जिले से बरामद हुई दारू
अंबिकापुर में बरामद हुई 50 लाख की अवैध शराब के मामले पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जहां से दवाएं बरामद होनी थी, वहां से दारू बरामद हो रही है। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को वेंटिलेटर पर बताते हुए उन्होंने कहा कि ये सबसे ज्वलंत मुद्दा है कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं ही वेंटिलेटर पर चली गई हैं। ऐसे में अगर जल्दी ही इनका इलाज नहीं किया गया तो ये ध्वस्त हो जाएंगी।
जवाब देने की तैयारी में जुटे शासन के मंत्री
उधर दूसरी ओर प्रदेश शासन के मंत्री अपने-अपने तथ्यों की बुलेट प्रूफ जैकेट को ठीक करने में लगे हैं। उनकी कोशिश यही होगी कि विपक्ष के हर सवाल का तथ्यात्मक जवाब दिया जाए। इसके लिए तथ्यों के बस्ते तैयार किए जा रहे हैं। आंकड़ों का अंकगणित जोर पकड़ता जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमं़त्री भूपेश बघेल ऐसे हर सवाल का जवाब देना बखूबी जानते हैं। तो वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की शालीनता ही अपने आप में तमाम सवालों के जवाब दे जाती है। इसके बावजूद भी उनके भी बंगले में तैयारियां तेज हो चुकी हैं। विभागीय अधिकारी अपने-अपने बस्ते कसने में लग गए हैं।
शीत कालीन रण में और क्या विशेष
इस शीत कालीन सत्र में तमाम वित्तीय मामलों और शासकीय मामलों का भी निपटारा किया जाना है। तो वहीं विपक्ष की कोशिश सत्ता पक्ष को सवालों के जाल में उलझाने की होगी। ऐसे में ये देखना होगा कि कौन अपने उद्देश्य को पूरा कर पाने में कितना सफल होता है ?