जांजगीर-चांपा। जिले में हुई एक अनोखी शादी की चर्चा जगह-जगह हो रही है। शादी के मुहुर्त के दिन दुल्हन बीमार होकर अस्पताल में भर्ती थी। दूल्हा बरात लेकर अस्पताल ही पहुंच गया। वहां दोनों ने डॉक्टरों, मरीजों और परिजनों की मौजूदगी में सात फेरे लिए और विवाह की रस्म पूरी की।

बैजलपुर की रश्मि महंत की शादी 20 अप्रैल को होनी थी। उसका रिश्ता सक्ती जिले के परसाडीह के राज दास से तय हुआ था। शादी के दो दिन पहले 18 अप्रैल को रश्मि की तबीयत खराब हो गई। उसे अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उसकी बड़ी आंत में छेद है, जिसका ऑपरेशन कराना होगा। इलाज जल्दी नहीं होने पर खतरा था। तब विवाह के दिन 20 अप्रैल को भी रश्मि को अस्पताल से छुट्टी नहीं दी गई। राज के परिवार को जब इसका पता चला तो उन्होंने शादी स्थगित करने की बात नहीं सोची बल्कि तय किया कि वे अस्पताल में ही शादी करेंगे। अस्पताल प्रबंधन और रिश्तेदारों से सहमति लेकर राज का परिवार बरात लेकर हॉस्पिटल पहुंचा। डॉक्टरों, स्टाफ, रिश्तेदारों और दोस्तों की मौजूदगी में राज और रश्मि ने एक दूसरे को जयमाला डाली और सात फेरे लेकर विवाह की सभी रस्मों को पूरा किया। बड़े बुजुर्गों ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। रश्मि का परिवार दूल्हे के फैसले से काफी खुश था क्योंकि वह बेटी की शादी की तैयारी में काफी रुपये खर्च कर चुका था। यदि दूल्हे ने शादी टालने का फैसला लिया होता तो उसे खर्च वहन करने में खासी दिक्कत होती। दोनों परिवारों के फैसले की लोग सराहना कर रहे हैं।

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