बिलासपुर। अपनी विभिन्न मांगों को छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ के सदस्यों ने रैली निकालकर किराया बढ़ाने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। मांग पूरी न होने पर बसों के पहिए थमने की बात कही। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ की ओर से कहा गया है कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा लगातार डीजल की मूल्य वृद्धि के कारण बस संचालकगण बसों का संचालन कराने में असमर्थ हो गए हैं तथा इस व्यवसाय से जुड़े राज्य के एक लाख 8 हजार लोग भूखे मरने पर मजबूर हो गए हैं। 12 जुलाई तक अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो 13 जुलाई से पूरा छत्तीसगढ़ प्रदेश में 12000 बसों की पहिए थम जाएंगे। महासंघ के सदस्यों ने 40 प्रतिशत यात्री किराया बढ़ाने की मांग की है । वर्तमान में केन्द्र सरकार की ओर से डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो जाने के कारण छत्तीसगढ़ राज्य में समस्त बस संचालकों को यात्री बस सेवा प्रारंभ करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बस संचालक बढे़ हुए डीजल के मूल्य में बस संचालन नहीं कर पाएंगे। वर्तमान में डीजल का मूल्य एवं बसों के प्रतिदिन का खर्च सकल आय से भी ज्यादा हो चुका है। ऐसी स्थिति में एक दिन में बस संचालन में भी भारी आर्थिक नुकसान का अंदेशा है। इसके अलावा पिछले 16 माह से कोरोना महामारी के कारण राज्य में बस संचालन की स्थिति लगभग नहीं के बराबर है। बस संचालक पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं।  छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ प्रदेश यूनियन द्वारा 29 मई को तीन सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत किया गया था, जिसमें त्वरित रूप से निराकरण किये जाने एवं यात्री किराया बढ़ाए जाने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लगे हुए सभी  राज्य क्रमशः मध्यप्रदेश, उड़ीसा, झारखण्ड, महाराष्ट एवं उत्तर प्रदेश में यात्री किराया बढ़ाया जा चुका है। मध्यप्रदेश राज्य में वर्ष 2018 में 10 प्रतिशत किराया बढ़ाया गया था। उस समय छत्तीसगढ़ में नहीं बढ़ाया गया था। माह मई में 2021 में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 25 प्रतिशत और किराया बढ़ाया जा चुका है। इस प्रकार कुल 35 प्रतिशत किराया मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बढ़ाया जा चुका है। इस कारण छत्तीसगढ़ राज्य में भी यात्री किराया बढ़ाया जाना आवश्यक है।

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