एर्नाकुलम एक्सप्रेस से पहुंचे झारखंड के श्रमिक लग्जरी बसों में गढ़वा रवाना हुए
बिहार, असम, ओडिशा व नेपाल के मजदूर यात्री भी फंसे, फिलहाल रैन-बसेरों में
बिलासपुर। केरल में कोरोना वायरस के बाद लाकडाउन के चलते अपने घर झारखंड जाने के लिए निकले 139 मजदूर कल रात बिलासपुर स्टेशन पर आकर फंस गये क्योंकि आगे के लिए कोई ट्रेन या बस थी। इसकी जानकारी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को हुई तो उन्होंने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दी और ट्वीट भी किया। मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि चिंता न करें, हमारे अधिकारी आज उन्हें झारखंड सीमा तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन मजदूरों को खाना खिलाया, चिकित्सा सुविधा दी और बसों की व्यवस्था कर उनके घरों के लिए रवाना कर दिया। स्टेशन पर असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा के मजदूर भी फंसे हुए थे, उन्हें भी गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
एर्नाकुलम-बिलासपुर एक्सप्रेस से केरल के भवन निर्माण में मजदूरी करने वाले 237 यात्री मजदूर बिलासपुर स्टेशन पर कल रात पहुंचे। कोरोना वायरस के चलते सभी ट्रेनों सहित सारी ट्रांसपोर्ट सेवाएं बंद हैं। उनके पास आगे जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को पता चला तो रात में ही सोशल मीडिया पर इस बारे में उन्होंने ट्वीट करना शुरू कर दिया। झारखंड के सीएम सोरेन तक भी बात पहुंची। तब उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मदद मांगी। इस पर बघेल ने तत्काल जिला प्रशासन को निर्देश दिया। जिले के अधिकारियों ने तुरंत स्टेशन जाकर मजदूरों से सम्पर्क किया। स्टेशन पर ही उनके भोजन और रुकने की व्यवस्था की गई और आवश्यकता अनुसार चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। आज दोपहर झारखंड के यात्रियों को सकुशल बसों में बिठाकर छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती जिला बलरामपुर रवाना कर दिया गया। यहां से झारखंड प्रशासन के अधिकारी उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचायेंगे। बसों में बैठने के बाद इन मजदूरों के चेहरे में राहत व प्रसन्नता दिखाई दी। यात्रियों ने इस व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री बघेल का आभार माना।
.@HemantSorenJMM जी! पूर्ण सुरक्षा एवं सावधानी के साथ झारखंड के लोगों को हमने छत्तीसगढ़ से रवाना कर दिया है।
उनका खाने-पीने का भी पूर्ण ध्यान रखा गया है।
इस संकट की घड़ी में हम सब साथ हैं। pic.twitter.com/OWbgQCuous
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 24, 2020
.@bhupeshbaghel जी का सहृदय आभार।
जानकारी के अनुसार गढ़वा के मेरे यह सभी भाईयों की जानकारी लेकर बिलासपुर में उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है तत्पश्चात उन्हें झारखण्ड सीमा तक पहुँचा दिया जायेगा। जहाँ से उन्हें झारखण्ड सरकार द्वारा गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुँचा दिया जाएगा। https://t.co/Guutbkg9st
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 24, 2020
“घर में लोगों का रो-रोकर बुरा हाल”
झारखंड के सिमरेगा के संदीप बड़ाईक, थॉमस मिंज, कुल्लू, गढ़वा जिले के हेमन्त कुमार, दिनेश, पलामू जिले के खुर्शीद, तैहर अंसारी, मो. अंसारी, मुश्ताक अंसारी आदि के चेहरे पर बस पर बैठते ही संतोष का भाव था कि वे अब अपने घर तक सकुशल पहुंच जायेंगे। उन्होंने बताया कि उनके घर वाले बहुत परेशान हैं। कई लोगों की माता-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने अपने परिजनों को सूचना दे ही है कि वे बिलासपुर से रवाना हो गये हैं। इन यात्रियों को रास्ते के लिए भी भोजन का पैकेट दिया गया है।
इसी ट्रेन से बिलासपुर पहुंचे केरल से ही आये ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार के यात्रियों को भी उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। इनमें दो यात्री नेपाल के भी बताये जा रहे हैं। अभी उन्हें रैन-बसेरों में ठहराया गया है, जहां उनके रहने, खाने और चिकित्सा की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।