विधिक सहायता प्राधिकरण का – ‘हमारा भी तो है-75’ अभियान शुरू

बिलासपुर। प्रदेश में कानूनी जागरूकता के जरिये नागरिकों के सशक्तिकरण का वृहद अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत रैली, प्रतियोगिता, कार्यशाला, नेशनल लोक अदालत के जरिये प्रदेश के सभी 11 हजार 666 पंचायतों में पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देश पर यह अभियान छत्तीसगढ़ में भी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) की ओर से चलाया जाएगा। 31 अक्टूबर को नालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ ने वर्चुअल मोड में इस देशव्यापी कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। इस परिप्रेक्ष्य में सालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी व हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय एस अग्रवाल ने सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष, जिला न्यायाधीश, सचिव, फैमिली कोर्ट जज और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के साथ वर्चुअल बैठक ली और आवश्यक निर्देश दिए।

अभियान को हमारा भी तो है- 75 नाम दिया गया है। 13 नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में प्रदेश के प्रत्येक जेलों में पैनल लायर, पैरालीगल वालिंटियर्स, विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी तथा गठित टीम के सदस्य जेल में निरूद्ध बंदियों से मुलाकात कर उनके प्रकरणों के संबंध में जानकारी लेंगे तथा उचित सहायता एवं सलाह उपलब्ध कराएंगे।

सालसा की बैठक में न्यायमूर्तियों ने लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण, किशोर न्याय बोर्ड में निरूद्ध बाल अपचारियों के प्रकरण तथा न्यायालयों में लंबित सभी प्रकार के समझौता योग्य प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण किये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पेनल अधिवक्ता तथा पैरालीगल वालिंटियर्स डोर टू डोर कार्यक्रम को गंभीरता से चलाएंगे। इस अवधि में मेगा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन करने तथा 9 नवम्बर विधिक सेवा दिवस पर भी कार्यक्रम करने कहा गया। अभियानों के समापन दिवस 13 नवम्बर को रैली निकालने का भी निर्देश दिया गया। प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा। साथ ही वर्चुअल मोड पर पहुंचविहीन लोगों तक विधिक सहायता एवं जानकारी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। सभी 11 हजार 666 पंचायतों में पहुंचकर वहां की समस्याओं व अपराध की प्रकृति की जानकारी लेकर कानूनी उपचार की जानकारी दी जाएगी। इसी तरह प्रदेश के 33 जेलों में बंद 18 हजार कैदियों को अभियान दौरान प्रत्येक बंदी से व्यक्तिगत संपर्क कर विधिक सहायता व सलाह दी जाएगी।

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