दूसरा बवाल सोशल मीडिया का, द केरला स्टोरी पार्ट 2 की आशंका में जांच का आदेश

बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय दो घटनाओं के चलते चर्चा में है। नास्तिकता का पाठ पढ़ाए जाने का आरोप लगने पर यूनिसेफ के सहयोग से चलाए जा रहे बिहेवि​यर क्लब की गतिविधियों पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने रोक लगा दी है। वहीं मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन के नाम से बनाए गए सोशल मीडिया ग्रुप को लेकर जांच का आदेश दिया गया है।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में यूनिसेफ के सहयोग से एक बिहेवियर क्लब संचालित है। इसमें छात्र, क्लब के सदस्य हैं। इन्हें यूनिसेफ के मेन्टर और यूनिवर्सिटी के टीचर सामाजिक और व्यावहारिक शिक्षा देते हैं। उन विषयों पर चर्चा की जाती है, जहां सामाजिक परिवर्तन के प्रश्न खड़े हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में संचालित इसी क्लब का 2 मिनट 20 सेकंड का एक वीडियो जारी हुआ है जिसमें एक महिला प्रशिक्षक छात्रों के बीच खुद को नास्तिक बता रही हैं और व्याख्या करने से पहले कह रही है कि मैं नास्तिक हूं, यदि आप आस्तिक विचार से हैं, तो हम अपनी बात रखने से पहले क्षमा मांगते हैं। हो सकता है मेरे मुंह से रिस्पेक्ट वाली चीज ना निकले। पूजा पाठ में मेरा कोई विश्वास नहीं है। हम उसे अंधविश्वास ही बोल सकते हैं। जो बच्चे आस्तिक हैं वे इसे जानकारी के रूप में सुनेंगे, आस्था के रूप में नहीं। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा सभी धर्मों का पूजा स्थल बनता है। उनमें कहां से यह कंसेप्ट आया कि कौन अंदर जाएगा, कौन नहीं जाएगा। क्या पहन कर जाएगा क्या नहीं, यह सारा कुछ होता है। हम सलूशन पर नहीं जा रहे हैं, सिर्फ प्रश्न छोड़ रहे हैं। क्योंकि आप युवा हैं आपके अंदर जितने भी सवाल दौड़ेंगे, उतना ही अच्छा होगा।
प्रशिक्षक से एक छात्रा ने सवाल किया कि आप सिर्फ मंदिर की बात कर रही हैं या सभी पूजा स्थलों की? प्रशिक्षक जवाब देती हैं, सभी की।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद कुछ छात्रों ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से शिकायत की है कि बिहेवियर क्लब में पूजा-पाठ को अंधविश्वास बताते हुए छात्रों को नास्तिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है और देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी की जा रही है।
शिकायत के बाद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने 12 अगस्त को एक आदेश निकालकर बिहेवियर क्लब की गतिविधियों पर रोक लगा दी।
इस हलचल के 2 दिन पहले ही यूनिवर्सिटी कैंपस में संचालित इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप ग्रुप- मुस्लिम स्टूडेंट फेडरेशन की जांच का आदेश कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने दिया है। शिकायत में दावा किया गया है कि यहां द केरला स्टोरी पार्ट 2 बनाने की साजिश रची जा रही है। इस ग्रुप में केरल और दूसरे राज्यों से छात्र-छात्राओं को जोड़ा जा रहा है। ग्रुप का उद्देश्य यह बताया जा रहा है कि आप यहां दूर आकर पढ़ कर रहे हैं, इस ग्रुप के माध्यम से आपको समस्या आती हैं तो हरसंभव सहायता दी जाएगी। कुलपति ने कहा है कि मामला गंभीर है। विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना कोई भी संस्था परिसर में इस तरह की गतिविधियां संचालित नहीं कर सकता है। यह मालूम नहीं हुआ है कि इस ग्रुप में कौन से आपत्तिजनक पोस्ट डाले गए, एडमिन कौन है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। इस बीच यह जानकारी मिली है कि सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट भी कर दिया गया है।

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