बिलासपुर। प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में आज आयोजित लोक अदालत में 6500 से अधिक प्रकरणों में पक्षकारों के बीच समझौता कराया गया। इस दौरान चेक बाउंस और मोटर यान दुर्घटना के करोड़ों रुपये के अवार्ड पारित किए गये।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रदेश भर में नियमित रूप से लोक अदालतें लगाई जाती हैं। इसी क्रम में 8 फरवरी को पूरे प्रदेश की जिला व तहसील न्यायालयों में 304 पीठों का गठन किया गया। अदालतों ने 16 हजार प्रकरणों में सुलह के लिए नोटिस जारी किया था, जिनमें से 6500 प्रकरणों में सुलह करा लिया गया। उक्त प्रकरणों में न्यायालय में लम्बित करीब चार हजार मामले थे जबकि प्रि-लिटिगेशन के 2500 मामले शामिल थे। अदालतों में पक्षकारों की भीड़ सुबह से लगनी शुरू हो गई थी।

न्यायालयों में मोटर दुर्घटना दावा के 375 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 15 करोड़ 83 लाख 51 हजार 257 रुपये का क्षतिपूर्ति अवार्ड पारित किया गया। चेक बाउंस के 829 मामलों में 17 करोड़, 17 लाख 30 हजार 539 रुपये के मामले आपसी राजीनामे से सुलझे। 162 वैवाहिक प्रकरणो का निराकरण किया गया। समझौते योग्य 1736 आपराधिक प्रकरणों का निराकरण किया। इनमें सबसे ज्यादा प्रकरण 1036 रायपुर के थे।

छत्तीसगढ़ में मुख्य न्यायाधीश पी. आर. रामचंद्र मेनन तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में लोक अदालतें लगाई गईं। विभिन्न जिलों में इस मौके पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन भी किया गया तथा जरूरतमंद व्यक्तियों को उपकरण वितरित किये गए।

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