रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में बिलासपुर के सीवरेज परियोजना को लेकर जमकर में जमकर हंगामा हुआ। विधायक सत्यनारायण शर्मा और शैलेश पांडे ने सीवरेज में भ्रष्टाचार और बिना टेस्टिंग के करोड़ों रुपए खर्च किए जाने को लेकर सवाल उठाया। साथ ही उन्होंने दोषी अधिकारी, ठेकेदार और कंपनी पर कार्रवाई करने की मांग की। इस पर मंत्री शिव डहरिया ने ठेकेदार और अधिकारियों कार्रवाई करने की बात विधानसभा में कही है।विधानसभा में सत्यनारायण शर्मा और शैलेश पांडे ने सवाल उठाया कि बिलासपुर शहर में सीवरेज परियोजना कब सफलतापूर्वक पूरी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 295 करोड रुपए की लागत में छह बार वृद्धि की गई है जो लागत आब 423 करोड रुपए हो गई है। उन्होंने  कहां कि अधिकारियों और ठेकेदारों  ने निर्माण कार्य के दौरान नियमानुसार टेस्टिंग भी नहीं की है।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बिलासपुर शहर के लोगों को  ठगने और भ्रष्टाचार से पैसा कमाने के लिए यह योजना लाई गई थी।इसी का परिणाम है कि आज तक योजना पूरी नहीं हो पाई है। और बिलासपुर शहर के लोग परेशान हैं। भारत में बिलासपुर शहर को अब खोदापुर के नाम से जाना जाने लगा है । दोनों विधायकों ने दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की।इस पर जवाब देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव डहरिया ने बताया कि बिलासपुर सीवरेज में सीवर पाइप लाइन और सीवरेज पंपिंग स्टेशन निर्माण कार्य दिनांक 17 नवंबर 2008 को किया गया था। इसके अलावा सीवरेज ट्रीटमेंट निर्माण कार्य 19 जून 2009 को शुरू किया गया था। सीवरेज परियोजना की लागत राशि 295 करोड रुपए थी, परियोजना की टेस्टिंग 28 फरवरी 2019 से 20 अप्रैल 2019 तक 1.  111 किलोमीटर की हाइड्रो टेस्टिंग की गई है।  जिसमें कि 0 . 884 किलोमीटर सफल है।  0. 227 किलोमीटर असफल है । इस प्रकार किए गए हाइड्रो टेस्ट में 80% सफल है। टेस्टिंग का शेष कार्य किया जाना है , इस परियोजना कार्य हेतु समय वृद्धि दिया गया है, सीवरेज परियोजना की लागत आप 423 करोड रुपए हो गई है। परियोजना की पूरे होने की तिथि 31  दिसम्बर 2021 है।

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