बिलासपुर। एक ओर कोरोना वायरस के चलते डॉक्टरों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ चुकी है वहीं सिम्स मेडिकल कॉलेज के एक सहायक प्राध्यापक ने ऐन मौके पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। दो दिन बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की चेतावनी मिलने के बाद अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली।

सिम्स मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग में डॉ. राजेश अग्रवाल संविदा पर सहायक-प्राध्यापक हैं। उन्हें कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. पंकज टेम्भुर्णिकर के साथ समन्वयक बनाकर सिम्स चिकित्सालय में ड्यूटी करने की जिम्मेदारी दी गई थी। बीते सोमवार को उन्होंने अचानक अपना इस्तीफा डीन के पास भिजवा दिया और घर चले गये। इस समय कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सिम्स में 24 घंटे ओपीडी खोलकर रखी गई है। इसके लिए ज्यादा चिकित्सकों की जरूरत भी सिम्स में पड़ रही है। ऐसे में सहायक प्राध्यापक के इस्तीफे ने सिम्स प्रबंधन को परेशानी में डाल दिया। यदि इसी तरह कोरोना के चलते बढ़ी हुई जिम्मेदारी को निभाने के बजाय डॉक्टर इस्तीफा देने लगेंगे तो स्थिति और बिगड़ जायेगी। डीन ए. के. पात्रा ने इसकी जानकारी कलेक्टर तथा स्वास्थ्य सचिव को दी। स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कलेक्टर और डीन के साथ इस स्थिति को लेकर चर्चा की। स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर डीन ने इस्तीफा देने वाले डॉक्टर अग्रवाल को 24 घंटे के भीतर ड्यूटी ज्वाइन करने का आदेश दिया। उन्हें साफ बताया गया कि ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी जायेगी। चेतावनी का असर हुआ कि बुधवार की शाम को डॉक्टर ने सिम्स आकर अपना इस्तीफा वापस ले लिया और ड्यूटी ज्वाइन कर ली। हालांकि बताया जाता है कि डीन से उन्होंने निवेदन किया है कि कोरोना संकट खत्म होने के बाद उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाये।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here