बिलासपुर। मुंगेली जिले के युवक कांग्रेस अध्यक्ष को पुलिस ने अचानकमार के जंगल में मध्यप्रदेश से तस्करी कर लाई जा रही भारी मात्रा में शराब के साथ गिरफ्तार किया है। उसके साथ जीप में तीन आरक्षक भी सवार थे, जिनमें से दो मौका पाकर घटनास्थल से फरार हो गये। एक आरक्षक और बोलेरो के ड्राइवर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


घटना बीते 15 अप्रैल की रात की है। एसडीओपी लोरमी कादिर खान और खुड़िया पुलिस चौकी के प्रभारी चिंतामणि मालाकार को सूचना मिली कि मध्यप्रदेश के डिंडौरी से भारी मात्रा में शराब एक बोलेरो जीप में भरकर लाई जा रही है। खुड़िया पुलिस ने तत्काल ग्राम औरापानी में नाकेबंदी कर दी। कुछ देर बाद वहां बंजारी घाट की ओर से बोलेरो क्रमांक 28 जे 3073 गुजरने लगी, जिसे पुलिस बल ने मौहा भांचा तिराहे पर रोक लिया। बोलेरो के रुकते ही दो लोग वाहन से उतरकर जंगल की तरफ फरार  हो गये। वाहन में तलाशी लेने पर 6 कार्टून में भरी अलग-अगल ब्रांड की 52 लीटर शराब मिली। इनकी कीमत 47 हजार रुपये बताई गई है। पुलिस ने वाहन पर सवार मुंगेली जिला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल सिंह ठाकुर, उसके ग्राम गीधा के ड्राइवर राजेन्द्र साहू और उसके साथ बैठे ट्रैफिक पुलिस में तखतपुर कार्यरत आरक्षक पवन गंधर्व को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। गाड़ी के रुकने के तुरंत बाद उतरकर भागने वालों की पहचान फास्टरपुर (मुंगेली) पुलिस के आरक्षक लोकेश सिंह राजपूत और राजेन्द्र यादव के रूप में हुई है। हिरासत में लिये गये तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, आबकारी एक्ट व धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में गैर जमानती अपराध दर्ज किया गया है और उन्हें आज न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तार अन्य दो आरक्षकों की तलाश की जा रही है। बोलेरो जीप आरोपी ड्राइवर राजेन्द्र साहू की बताई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बाद लागू लॉकडाउन के चलते बीते करीब एक माह से शराब की बिक्री बंद है। इस समय जगह-जगह शराब की तस्करी की घटनाएं सामने आ रही है पर लॉकडाउन में यह पहला मामला है जिसमें इतनी बड़ी मात्रा में शराब की जब्ती की गई है और जिसमें सत्तारूढ़ दल का कोई पदाधिकारी शामिल है। हालांकि मध्यप्रदेश से शराब की तस्करी बिलासपुर और गौरेला जिले में पहले से हो रही है। मध्यप्रदेश से लाई गई शराब यहां काफी ऊंचे दरों पर बेची जाती है।

युवक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राहुल सिंह ठाकुर, बोड़तरा की कांग्रेस नेत्री व पूर्व जिला पंचायत सदस्य मायारानी सिंह का बेटा बताया गया है। चूंकि इस नाकेबंदी की कार्रवाई में एसडीओपी स्तर के अधिकारी खुद शामिल थे इसलिये मामले को रफा-दफा करने की कोशिश सफल नहीं हुई। फरार दोनों आरक्षकों को लेकर भी कड़ी कार्रवाई होने का अनुमान है क्योंकि वे लॉकडाउन के संवेदनशील मौके पर प्रदेश के बाहर गये और अपराध में लिप्त पाये गये।

मुंगेली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश्वर चंदेल ने बताया है कि आरोपियों में तीन पुलिस विभाग के कर्मचारी हैं, जिनमें से दो फरार है उनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

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