बिलासपुर। शेयर में ऑनलाइन निवेश कर भारी मुनाफा देने का झांसा देकर एक शिक्षक से 21 लाख 53 हजार रुपयों की ठगी कर ली। पुलिस ने एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट से जुड़े 4 आ रोपियों को राजस्थान से गिरफ्तार किया है। इनसे 2 लाख रुपये जब्त किये गए हैं तथा बैंकों में जमा 17 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं। दो फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

साईधाम कॉलोनी तोरवा के अमलेश लहरी के पास कुछ माह पहले एक फोन आया। फोन करने वाले ने अपने आपको किसी एसईएमई कंपनी का मैनेजर बताते हुए शेयर में ऑनलाइन निवेश करने पर भारी मुनाफा होने का झांसा दिया। आरोपियों ने उन्हें टेलीग्राम ऐप पर एक लिंक भेजा, जिसे डाउनलोड करने के लिए कहा गया। इस के22 डॉट इन ऐप के जरिये उसने कई किश्तों में 21 लाख 53 हजार रुपये ट्रांसफर किए। आरोपियों ने उन्हें यह भी झांसा दिया कि उसकी जमा रकम किस तरह बढ़ रही है, इसे वह ऑनलाइन देख भी सकता है। समय-समय पर उस ऐप में शिक्षक को अपना पैसा बढता हुआ दिखाई दे रहा था। उसे 21.53 लाख रुपये के एवज में दो करोड़ रुपये की राशि ऑनलाइन दिखाई देने लगी। जब शिक्षक ने इस राशि को अपने खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा तो आरोपियों ने उसे 10 लाख रुपये भेजने के लिए कहा। इसके बाद शिक्षक को ठगी का अहसास हुआ और उसने तोरवा थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

एसएसपी पारुल माथुर ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी हांगकांग के साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़े हैं। आरोपी राजस्थान के विभिन्न शहरों व दिल्ली से उनके लिए भारत में काम करते हैं।

बिलासपुर पुलिस की साइबर सेल ने उन खातों की जानकारी जुटाई जिनमें शिक्षक के रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। आरोपियों की पहचान होने पर एक टीम राजस्थान भेजी गई, जो वहां तकनीकी साक्ष्य और आरोपियों का पता लगाने के लिए पांच दिन तक रुकी थी। पुलिस ने वहां से राहुल सुथार (19 वर्ष), राजकुमार उर्फ राजू सिंधी (38 वर्ष), हेमराज बैरवा (25 वर्ष) और दीपेश वैष्णव (19 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह में दो आरोपी जितेंद्र तेजवानी और पंकज भी हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

 

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