बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के कारण जेल से रिहा किये गये सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदियों की पैरोल की अवधि आज हाईकोर्ट ने सीधे दो माह के लिये बढ़ा दी। अब ये बंदी 30 नवंबर तक जेल से बाहर रहेंगे।

कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद जेलों में कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिये हाईकोर्ट जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में बनाई गई एक हाईपावर कमेटी ने 2200 से अधिक ऐसे कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था जिन्हें अधिकतम सात वर्ष की सजा मिल सकती है। हालांकि कुछ श्रेणियों में यह छूट नहीं थी। पहले इन कैदियों की पैरोल अवधि में एक-एक माह का विस्तार किया जाता था। इस बार सीधे दो माह का विस्तार किया गया है। आज हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन की डबल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। शासन और राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण की ओर से बताया गया कि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है और जेलों में अभी भी क्षमता से अधिक कैदी हैं। राज्य शासन की ओर से बताया गया कि जेलों में अब तक लगभग 800 कैदी कोरोना संक्रमित पाये जा चुके हैं जिनमें से 360 ठीक हो चुके हैं और 450 से अधिक का उपचार चल रहा है। ऐसे में रिहा किये गये कैदियों की पैरोल की अवधि बढ़ाई जा सकती है। कैदियों को वापस जेलों में भेजने से कोरोना का संक्रमण फैलने की आशंका अधिक है। इस पर हाईकोर्ट ने कैदियों की पैरोल अवधि को 30 नवंबर तक आगे बढ़ा दिया।

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