बिलासपुर। गौरेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक स्टाफ नर्स से फेसबुक पर लंदन के डॉक्टर के नाम से दोस्ती कर 7 लाख से अधिक रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली गई। ठग ने फेसबुक के जरिए दोस्ती की। फिर जन्मदिन का कीमती उपहार भेजने का झांसा दिया। बाद में कस्टम और इनकम टैक्स में फंसा देने की धमकी देते हुए कई किश्तों में अलग-अलग बैंक एकाउंट नंबर पर रुपये जमा कराए। गौरेला पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है।

पुलिस से की शिकायत में नर्स पूनम लकड़ा ने बताया कि बीते 25 मार्च की शाम उसके फेसबुक आईडी पर जस्टिन डग्लस नाम से एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आया, जिसे उसने एक्सेप्ट कर लिया। इसके बाद उसने मेरा व्हाट्सएप नंबर मांगा। नंबर देने के बाद दोनों के बीच पांच 6 दिन तक चैट होती रही। नर्स को भरोसे में लेने के लिए आरोपी ने चैटिंग के दौरान बताया कि मैं डॉक्टर डग्लस हूं। उसने पूछा कि क्या आप रायपुर में काम कर चुकी हैं, मैं भी रायपुर में काम कर चुका हूं। इससे पहले नर्स चूंकि रायपुर में काम कर चुकी थी, इसलिए उसे लगा कि वहां पर जो डॉक्टर जस्टिन डग्लस काम करते थे उन्होंने ही उसे फेसबुक फ्रेंड बनाया है। चार-पांच दिन की बातचीत के बाद उसने कहा कि एक अप्रैल को मेरा बर्थडे है। मैंने विश किया तो उसने मेरा बर्थडे पूछ लिया। जब मैंने बताया कि मेरा तो 8 मार्च को निकल गया, तो उसने कहा कोई बात नहीं, मैं आपको बर्थडे का गिफ्ट भेज रहा हूं, आपको मिल जाएगा। 2 अप्रैल की दोपहर को उसने एक वीडियो भेजा और बताया कि मैंने आपके लिए गिफ्ट खरीदा है और कूरियर कर दिया है। उसने एड्रेस पहले ले लिया था। इसके बाद दिल्ली के एक मोबाइल नंबर 9582019802 से एक महिला ने कॉल किया और नर्स से कहा कि आपको 35 हजार रुपये ऑनलाइन पैसे देने होंगे, उसके बाद गिफ्ट भेजेंगे। उसके बाद उन्होंने एक अकाउंट नंबर भेजा कि यह कंपनी का अकाउंट है। नर्स ने अकाउंट नंबर में पैसे डाल दिए। इसके कुछ देर बाद ही उसे मोबाइल नंबर पर फिर कॉल आया कि मैडम इसमें बहुत सारा सोने का सामान और पाउंड के रूप में पैसा भी है। यह तो गैरकानूनी है। इसे पुलिस ने पकड़ लिया है इसको लीगल करने के लिए 1.50 लाख रुपए देने होंगे।

जब नर्स ने कहा कि  इतने रुपए हम नहीं दे सकते, तो वह बोली कि अगर नहीं देंगी तो पुलिस छानबीन के लिए आपके पास आएगी। उसके कहने से नर्स डर गई और उसने 4 अप्रैल को एक लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद फिर 50 हजार रुपये 5 अप्रैल को बैंक से ट्रांसफर किया। बात करने वाले ने कहा कि इस मोबाइल में थोड़ा अच्छे से सुनाई नहीं दे रहा है। इसके बाद उसने एक दूसरे मोबाइल नंबर 8587971965 से कॉल किया और बोली कि हम आपको मिले पाउंड को रुपए में चेंज करेंगे। उसने कहा कि मैं बैंक ऑफिसर से बात करके बताती हूं। फिर उसने इसी नंबर से कॉल किया और बोली कि बैंक वाले बोल रहे हैं कि भारतीय रुपए को बदलने के लिए चार्ज लगेगा। जब नर्स ने कहा कि हमें केवल गिफ्ट भेज दो। रुपए नहीं चाहिए तो उसने कहा कि कस्टम के अधिकारी बोल रहे हैं कि दोनों साथ में ही भेजेंगे। तब नर्स ने बैंक से लोन लिया और फिर उसी अकाउंट नंबर में 8 अप्रैल को तीन लाख 85 हजार रुपए और भेज दिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि हम लोग बैंक जा रहे हैं। थोड़ी देर में उसने कहा कि बैंक में समय लग रहा है। आपका पैसा प्रोसेस हो रहा है। शाम को कॉल किया कि बैंक का काम नहीं हो पाया, क्योंकि वहां बहुत भीड़ थी। कल हो जाएगा। दूसरे दिन उसी नंबर से कॉल आया और बोली कि मैडम आरबीआई वाले बोल रहे हैं कि आपको 85 हजार रुपए टैक्स देने होंगे। नर्स ने फिर से 50 हजार रूपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए, जो किसी मंजिल प्रधान के एक्सिस बैंक अकाउंट नंबर पर था। फिर उसने एक पेपर व्हाट्सएप में भेजा, जिस पर यूनाइटेड नेशन सर्टिफिकेट लिखा था। उसने फिर 4 लाख रुपये मांगे, जब हमने कहा हम नहीं दे सकते हैं आपको जो करना है करो हमारा पैसा वापस भेज दो हमें नहीं चाहिए। आप लोग एक के बाद एक रुपए मांगे जा रहे हो नहीं कर सकते हैं।

इस बीच डॉक्टर डग्लस से चैटिंग होती रही। उसने कहा कि में 27 अप्रैल को आऊंगा। बुकिंग पास भी उसने भेजा। 28 अप्रैल को फिर उसके पास एक लड़की का कॉल आया। उस लड़की ने कहा कि आपका दोस्त लंदन से आया है उसके बैग को कस्टम के लोगों ने फॉरेन मनी होने के कारण पकड़ रखा है। उन्होंने डॉ डग्लस को छुड़ाने के लिए 1 लाख 35 हजार रुपये मांग की। फिर जो व्यक्ति डॉक्टर डग्लस के नाम से फेसबुक के जरिए चैटिंग और संपर्क में था उसने व्हाट्सएप कॉल करके कहा कि मुझे छुड़ाओ। मैंने कल से कुछ नहीं खाया है। मैंने कहा-उस लड़की से बात कराओ। लड़की से बात हुई उससे नर्स ने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो उसने बोला ठीक है मैं बात करके बताती हूं। लड़की ने पहले 85 हजार रुपये फिर और बात करने पर 50 हजार रुपये देने के लिए कहा। उसने एक एकाउंट नंबर में रुपये जमा कराने कहा, जो किसी गीतिका बानी के स्टेट बैंक का एकाउंट था। इसके बाद उन्होंने कहा कि वे कम में नहीं मान रहे, 85 हजार रुपये और मांग ही रहे हैं। जब नर्स ने कहा कि वह नहीं दे सकती। डॉ. जस्टिस डग्लस का कॉल आया तो नर्स ने उससे अपना लाइव लोकेशन भेजने के लिए कहा। तब उसने नहीं भेजा। जब वीजा और पासपोर्ट भेजने के लिए कहा तो कह दिया कि उसे अधिकारियों ने जब्त कर लिया है। इस सबसे नर्स को अंदाजा लग गया कि उसके साथ बड़ी ठगी हो गई है। उसने 7 लाख 5 हजार रुपये गंवा दिए जिनमें से 5 लाख रुपये उसने लोन से लिए हैं।

 

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