बिलासपुर। कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट वकील विवेक तन्खा ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर सीएसआर फंड के सम्बन्ध में केन्द्र के निर्देशों को तानाशाही बताते हुए कहा है कि इस कोष में जमा राशि पर कानूनी तौर से राज्य का पहला अधिकार है।

तन्खा ने केन्द्र सरकार के उस बयान के संदर्भ में यह पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि कम्पनियों के सीएसआर फंड से पीएम केयर्स फंड को ही राशि पाने का अधिकार है, मुख्यमंत्री राहत कोष का नहीं।

कम्पनी मामलों के मंत्रालय से जवाब आने के बाद विपक्ष और खासकर कांग्रेस ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा जब  पूरा देश करोना माहामारी से जूझ रहा  है और राज्यों को इससे निपटने के लिए आतिरिक्त संसाधान की आवश्यकता है। ऐसे  समय में सीएसआर फण्ड पर राज्य का स्वभाविक हक है।

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तन्खा ने कहा कि  कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी की राशि के इस्तेमाल को लेकर केन्द्र सरकार भ्रांति फैला रही है। कांपनी  मामलो  के मंत्रालय ने  10 अप्रैल 2020 को एक जवाब मे बताया कि केवल पीएम केयर फंड  ही कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी की राशि प्राप्त कर  सकती है। राज्यों  के मुख्यमंत्री राहत कोष को यह राशि नहीं दी जा सकती। यदि मुख्यमंत्री राहत कोष में सीएसआर फण्ड दिया जाता है तो कंपनियों को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी की राशि पर टैक्स में किसी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी।

राज्यसभा सांसद ने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा है कि कंपनी अधिनियम 2013 के तहत  कंपनियां  अपने सामाजिक  दायित्वों का निर्वहन विभिन्न तरीकों से कर सकती है। इसमें मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया गया दान भी शामिल है। सभी निजी कंपनियों  को इस दान के तहत मिलने वाली छूट पाने का अधिकार है।

विवेक तंखा ने पत्र में लिखा है कि भारतीय  राष्ट्रीय निवेश प्रोत्सहनं एजेंसी ने भी स्प्षट किया है कि निजी कांपनियां मुख्यमंत्री राहत  कोष  मे दान दे सकती है। कारोना अनुसंधान हेतु दिया गया दान कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत  आता है। पत्र में सभी मुख्यामांत्रियो से विवेक तंखा ने निवेदन किया है कि सभी निजी कांपनियो को समाजिक  दायित्वो के ताहत  दान  करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। कांपनियो  को आश्वस्त किया जाए कि उन्हें कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत सभी छूट प्राप्त होगी।

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