बिलासा एयरपोर्ट पर महज एक फ्लाइट, दिनभर में पांच और उड़ानें संभव

बिलासपुर। 7 मई को सुबह 10 बजे हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के कार्यकर्ता अपने सहयोगी संगठनों के साथ सांसद अरूण साव के निवास के समक्ष मौन धरना देंगे। यह सांकेतिक आंदोलन इसलिये किया जा रहा है क्योंकि बिलासा एयरपोर्ट चालू होने के एक वर्ष बाद भी अभी तक एक उड़ान के अलावा कोई नई उड़ान प्रारंभ नहीं हुई है। इसमें सबसे बड़ी बाधा यह है कि केन्द्र सरकार की उड़ान योजना में बिलासपुर से कोलकाता,  हैदराबाद,  मुंबई  और दिल्ली के हवाई मार्गो को शामिल कर टेंडर नहीं कराया जा रहा है। इस मांग पर केन्द्र सरकार पिछले तीन साल से चुप्पी साधे हुए है।

गौरतलब है कि बिलासपुर का हवाई अड्डा वर्तमान में 3 सी वीएफआर श्रेणी का है जहां 72 और 80 सीटर विमान दिन के समय उड़ान भर सकते हैं। वर्तमान में केवल एक उड़ान संचालित है, जिसमें एयरपोर्ट प्रबंधन लगभग एक घंटे व्यस्त रहता है। दिनभर में लगभग 9 घंटे ऐसा समय बाकी है जब दूसरी उड़ानें यहां से संचालित हो सकती हैं। देश की चारो दिशाओं में स्थित महानगरों तक सीधी उड़ान बिलासपुर से संचालित हो सकती है।

समिति ने कहा कि उड़ान योजना में शामिल होने पर सब्सिडी मिलती है, इसलिये निजी एयरलाईन कम्पनियां किसी भी नये सेक्टर में उड़ान तभी भरना चाहती हैं, जब सब्सिडी का लाभ मिले। पिछले दो साल से राज्य सरकार और नागरिकों के मांग के बावजूद बिलासपुर से महानगरों तक के मार्ग केन्द्र सरकार ने उड़ान योजना में शामिल नहीं किया है। यहां तक की समिति के प्रतिनिधि मण्डल के दिल्ली के प्रवास के दौरान भी नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समिति को मुलाकात का समय नहीं दिया।

उपरोक्त परिस्थिति में यह आवश्यक है कि बिलासपुर के सांसद अरूण साव के समक्ष सांकेतिक विरोध मौन धरने के माध्यम से दर्ज कराया जाए, जिससे कि केन्द्र सरकार बिलासपुर के नागरिकों की भावना से अवगत हो सके। समिति ने यह सांकेतिक आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और मर्यादित रखने की अपील की है।

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