बिलासपुर। गरियाबंद में भटकती हुई मिली दो साल की बच्ची के साथ मानसिक रूप बीमार महिला को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से उसके गृह राज्य तेलंगाना भिजवा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा स्थानीय प्रशासन एवं तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हैदराबाद से समन्वय कर राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर में उपचार के  भर्ती तेलंगाना निवासी मनोरोगी महिला सुनीता राजा (परिवर्तित नाम) को उसकी दो वर्षीय पुत्री रानी (परिवर्तित नाम) के साथ उसे उसके मूल राज्य तेलंगाना भिजवाया गया, जहां के मानसिक चिकित्सालय में अब उसका इलाज कराया जाएगा।
सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने बताया कि सखी वन स्टाप सेंटर गरियाबंद ने कउक्त  महिला को बीते 20 जून को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी (बिलासपुर) में भर्ती कराया था। उसकी दो वर्षीय पुत्री को उचित देखरेख के लिए बिलासपुर में संचालित बालगृह “मातृछाया” में रखवाया गया था। मानसिक चिकित्सालय में मरीज के उपचार में भाषागत समस्या के कारण सुधार नहीं हो रहा था, आंशिक सुधार होने के उपरांत उसने स्वयं को ग्राम मालीगेली, जिला करीमनगर, तेलंगाना राज्य का निवासी होना बताया। मनोरोगी मरीज की भाषागत समस्या के कारण पर्याप्त सुधार नहीं आना पाते हुए  08 जनवरी 2024 को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के डॉक्टरों ने प्राधिकरण से अनुरोध किया था कि मरीज को राज्य मानसिक स्वास्थ्य केंद्र हैदराबाद भेजने में सहयोग करें।
इस संवेदनशील मामले में शीघ्रता से कार्रवाई करते हुए तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क किया गया। 19 जनवरी 2024 तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण हैदराबाद के प्रोटोकाल ऑफिसर  अनिल कुमार कर्नन दो महिला आरक्षकों की टीम के साथ बिलासपुर आए। प्राधिकरण ने बाल कल्याण समिति बिलासपुर से दो वर्षीय बालिका को तेलंगाना के बालगृह स्थानान्तरित कराने तथा महिला को राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर से राज्य मानसिक चिकित्सालय हैदराबाद रेफर कराने में आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया गया।
उप सचिव गिरीश कुमार मंडावीरी ने बताया कि दो राज्यों के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों की सक्रियता एवं आपसी समन्वय से 21 जनवरी को  मां व उसकी दो वर्षीय बेटी को उचित देखरेख के लिए उनके मूल निवास राज्य तेलंगाना भेज दिया गया।

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