राजस्व मामलों को निपटारे का निर्देश दिया राजस्व मंत्री अग्रवाल ने, दो माह बाद फिर होगी समीक्षा

बिलासपुर। लंबित राजस्व प्रकरणों को दो माह के अंदर निराकरण करें। दो माह के बाद पुनः समीक्षा की जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी सालों से लंबित राजस्व प्रकरणों को शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिये हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने आज बिलासपुर कलेक्टोरेट के मंथन सभाकक्ष में आयोजित बिलासपुर संभाग स्तरीय राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में यह बात कही। बैठक में बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय एवं तखतपुर विधायक रश्मि सिंह भी मौजूद थी।
राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी अपना काम समय पर करेंगे तो राजस्व प्रकरण लंबित नहीं होगा। हल्का पटवारी अपने निर्धारित मुख्यालय में सप्ताह में कम से कम दो दिन अनिवार्य रूप से बैठें। इसके प्रति जिला कलेक्टर विशेष ध्यान देंगे।

उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के तहत सड़क किनारे एवं शमशान घाट में हुए अतिक्रमण को हटाएं। प्रयास करें कि झुग्गी-झोपड़ी प्रभावित न हों। राज्य शासन की प्राथमिकता वाले नरवा, घुरूवा, गरूवा और बाड़ी योजना के लिये जमीन उपलब्ध कराने राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये। राजस्व मंत्री ने मुआवजा प्रकरण, राजस्व एवं डायवर्सन वसूली के प्रति विशेष ध्यान देने के लिए कहा। विभिन्न संस्थाओं में प्रभावित किसानों को नौकरी देने संबंधी शर्तों के बहाली में वर्षों लग जाते हैं। ऐसे प्रकरणों के प्रति भी विशेष रूचि लेकर निराकरण करने उन्होंने कहा। राजस्व मंत्री ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की सुविधा की दृष्टि से जिलों के तहसीलों के अपग्रेडेशन, राजस्व अमले की कमी को दूर करने एवं भवन का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व अमले की संख्या के आधार पर काम का बोझ अधिक है, ऐसे में अन्य विभागों के कर्मचारियों का उपयोग करने के सुझाव दिये। राजस्व मंत्री ने जनप्रतिनिधियों के पत्रों का समय पर जवाब देने एवं निराकरण करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में राजस्व सचिव निर्मल खाखा ने विवादित, अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, राजस्व वसूली एवं व्यपवर्तन की समीक्षा करें और लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता क्रम में रखें, इससे निराकरण करने में सुविधा होगी। इसी तरह नजूल नवीनीकरण, नजूल भूमि नामांतरण, ऑनलाईन पंजीयन पर नामांतरण प्रकरणों को भी समय सीमा में निराकरण कराएं। डायवर्सन की बकाया राशि की वसूली कार्ययोजना तैयार कर की जाय। राजस्व सचिव ने ई-कोर्ट में अधिक से अधिक राजस्व प्रकरणों को ऑनलाईन पंजीयन कर निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि शासकीय जमीन को सुरक्षित रखें, ताकि शासकीय प्रयोजन के लिये आवश्यकता हो तो शीघ्र मिल सके। बैठक में लोक सेवा गारंटी, मसाहती ग्रामों का सर्वे, आर.बी.सी. 6(4) के तक मुआवजा प्रकरणों के निराकरण के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए। राजस्व सचिव ने कहा कि आगामी दो माह में राजस्व कर्मचारियों से राजस्व का ही कार्य कराया जाय, ताकि सितम्बर माह तक अधिक से अधिक राजस्व प्रकरण निराकरण हो सके। आयुक्त भू-अभिलेख ने भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक के प्रारंभ में संभागायुक्त बी.एल.बंजारे ने संभाग स्तरीय राजस्व प्रकरणों की स्थिति से अवगत कराया। कलेक्टर बिलासपुर डॉ.संजय अलंग ने डायवर्सन के लिये ऑनलाईन पंजीयन में हो रही दिक्कतों के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया। इसी तरह मुंगेली कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नारायण भूरे, जांजगीर-चांपा कलेक्टर  जनक पाठक, कोरबा कलेक्टर  किरण कौशल एवं रायगढ़ कलेक्टर  यशवंत कुमार ने अपने-अपने जिलों के राजस्व प्रकरणों के निराकरण के संबंध में बताया। बैठक में संभाग के सभी जिलों के अतिरिक्त कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

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