रेलवे क्षेत्र के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर से आज दोपहर धूमधाम से रथयात्रा निकली। विधि-विधान और गाजे-बाजे के साथ भगवान कृष्ण, बहन सुभद्रा और भाई बलराम की मूर्तियां रथ पर स्थापित की गईं।

राजा बनाए गए रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रमोद कुमार जेना ने सबसे पहले पूजा की और रास्ते में झाड़ू लगाकर रथ को पांच कदम खींचा। पूजा में जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी गोविन्द पांडे, काली मंदिर के आचार्य चटर्जी साथ ही 5 अन्य पुजारी उपस्थित थे। सैकड़ों की संख्या में शामिल श्रद्धालु रथ के साथ-साथ चल रहे थे।

रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर तितली चौक, जगमल चौक, पोस्ट ऑफिस, से होते हुए मौसी मां के मंदिर पहुंची।  इस रस्म को गुंडिचा कहते हैं। यहां भगवान 7 दिन आराम करेंगे।फिर 9  वे दिन मंदिर वापस आ जाएंगे, इसे बहुड़ा कहा जाता है।

जगन्नाथ सेवा समिति 20 सालों से इसका आयोजन कर रही है।  सेवा समिति के उपाध्यक्ष के के बेहरा ने बताया इन 7 दिनों में मंदिर परिसर में बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है, जिसमें भजन संध्या, ओडिसी नृत्य ,पाला जैसे मनमोहक कार्यक्रम भी हैं।

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