सहयोगी हेड कांस्टेबल पहले से जेल में, जवानों के पीएफ खाते से 60 लाख रुपये के फर्जी आहरण का आरोप

बिलासपुर। पुलिस कर्मचारियों के जीपीएफ खाते से 60 लाख रुपये का गबन करने के मामले में फरार चल रही सहायक उपनिरीक्षक मधुशीला सुरजाल को उड़ीसा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। प्रकरण का एक और आरोपी बर्खास्त प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव न्यायिक रिमांड पर जेल जा चुका है।

मालूम हो कि करीब 6 महीने पहले यह घोटाला पहली बार उजागर हुआ था। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में फंड शाखा की प्रभारी सहायक उपनिरीक्षक मधुशाला सुरजाल अपनी पदस्थापना के दौरान खाताधारकों के खाते में उपलब्ध धनराशि से अधिक का आहरण करती थी और उन्हें सिर्फ उनकी मांगी गई रकम का भुगतान करती थी। उन्होंने प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव की खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के बावजूद 15 लाख 75 हजार रुपये स्वीकृत करा दिए। ऐसे ही कई अन्य कर्मचारियों के खाते में धनराशि नहीं होने के बावजूद अग्रिम भुगतान कर दिया गया। अनियमितता की जानकारी मिलने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारुल माथुर ने आरोपी मधुशाला सुरजाल से भुगतान और आहरण से संबंधित खातों को मंगाकर जांच की। तब पता चला कि वह नोटशीट में स्वीकृत राशि को कूट रचना से बदल देती थी। विस्तृत जांच के बाद पाया गया था कि एएसआई  सुरजाल और प्रधान आरक्षक श्रीवास्तव ने मिलकर षडयंत्रपूर्वक यह गबन किया है।

दोनों के विरुद्ध धारा 409, 420, 467, 468, 471, 477 और 120 (बी)  के तहत अपराध दर्ज किया गया था। सितंबर महीने में संजय श्रीवास्तव को बर्खास्त कर उसकी गिरफ्तारी कर ली गई थी। मुख्य आरोपी मधुशीला सुरजाल फरार चल रही थी, जिसे उड़ीसा के पदमपुर से गिरफ्तार कर बिलासपुर में कोर्ट में पेश किया गया। उसे भी न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

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