रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख एवं मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने एक बयान जारी कर बताया है कि लगभग तीन वर्ष पूर्व भाजपा शासनकाल में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री भूपेश बघेल एवं नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव द्वारा रायपुर, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने हेतु अशासकीय प्रस्ताव विधानसभा के पटल पर रखा गया था जो सर्वसम्मति से पारित भी हुआ था। उक्त प्रस्ताव की स्वीकृति उपरान्त भाजपा ने अपनी ओर से किसी प्रकार की वांछित पहल नहीं की और न ही डेढ़ साल का समय गुजर जाने के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा खण्डपीठ स्थापना की दिशा में कोई सकारात्मक पहल की गई जो भाजपा एवं कांग्रेस की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। खण्डपीठ स्थापना पर खामोश कांग्रेस सरकार को जगाने के लिए कोटा विधायक डा. रेनु जोगी ने आगामी पावस सत्र में खण्डपीठ हेतु पूर्व पारित प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने में शीघ्रता के लिए अशासकीय प्रस्ताव पेश किया है।

रिजवी ने कहा है कि रायपुर, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर खण्डपीठ स्थापना से शीघ्र, सस्ता एवं सुलभ न्यायिक दृष्टांत की अवधारणा का पालन होगा तथा रायपुर, बस्तर, सरगुजा एवं दुर्ग संभाग के पक्षकारों को सहूलियत भी होगी। इस विकेन्द्रीकरण से हाईकोर्ट में हजारों की संख्या में लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निपटारा भी होने लगेगा। बहुप्रतिक्षित खण्डपीठ स्थापना का प्रस्ताव कांग्रेस का ही था। अब कांग्रेस सत्ता में है ऐसे में उसे खण्डपीठ स्थापना के लिए देर न करते हुए तत्काल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को प्रदेश सरकार की ओर से वांछित सहमति पत्र भेजा जाना चाहिए।

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