बिलासपुर। सरकंडा पुलिस ने 22.5 एकड़ जमीन के मालिक बनाए गए रिक्शा चालक भोंदू दास को गिरफ्तार किया है। इस फर्जीवाड़े में सरकारी जमीन को पहले उसके नाम चढ़ाया गया, फिर मुख्तियारनामा के जरिए दलालों ने बेच भी दिया। राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और कई प्रॉपर्टी डीलर्स की इस मामले में मिलीभगत की शिकायत है, जिन पर अभी कार्रवाई होना बाकी है।

तोरवा के इस रिक्शा चालक भोंदू दास को पता ही नहीं था कि उसके नाम पर चिल्हाटी की 22.5 एकड़ जमीन चढ़ा दी गई है। यह जमीन सरकारी और आम निस्तार की थी। इसमें एक तालाब भी था। बाद में उसके रिश्तेदार राम यादव ने भोंदूदास से मुख्तियार नामा लिखवा लिया। फिर, यह जमीन भू-माफियाओं और प्रॉपर्टी डीलर के साथ मिलकर लोगों को बेच दी गई। भोंदूदास को पता ही नहीं था कि उसके रिश्तेदार ने उसके साथ मुख्तियार नामा लिखवाकर कोई फर्जीवाड़ा किया है। उसे न यह पता है कि उसके पास जमीन कैसे आई, न ही यह पता है कि जमीन किसने अपने नाम चढ़ा ली। पुलिस जांच से पता चलेगा कि मुख्तियार नामा में भोंदूदास ने खुद हस्ताक्षर किये थे या वह भी फर्जी था।

इस मामले में नवल शर्मा व देवकीनंदन उपाध्याय ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। राजस्व अधिकारियों ने यहां से मिले जांच के निर्देश पर कार्रवाई तो की पर कह दिया कि कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। तब शिकायतकर्ताओं ने पुलिस में  दस्तावेजों के साथ एफआईआर दर्ज कराई। यह बताया कि 22 बिंदु में छेड़छाड़ कर सरकारी जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और उस पर बाद में कब्जा कर लिया गया। शिकायत में तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारी की संदिग्ध भूमिका की भी जांच करने की मांग की गई है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन प्रॉपर्टी डीलर के नाम भी बताए गए हैं जिनके बारे में कहा गया है कि वे इस गड़बड़ी में शामिल थे। फिलहाल, पुलिस ने भोंदूदास को ही गिरफ्तार किया है।

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