प्रार्थी ने पौन घंटे बाद ख़बर की, परेशान हो गई थी एसीबी टीम

बिलासपुर। प्रधानमंत्री आवास के लिए एक बीमार बुजुर्ग के हक़ की रकम देने के लिए सब-इंजीनियर ने कई महीने तक उसके बेटे को घुमाया। मांग रिश्वत की थी। रिश्वत लेते समय सब-इंजीनियर ने अपने हाथ में रकम ये सोचकर नहीं ली कि वह नहीं फंसेगा। पर वह तो फंस ही गया उसके साथ उनके दो मातहत भी फंस गये जिन्होंने रिश्वत मिलते ही छिपा दी।

घटना गुरुवार दोपहर की है। पथरिया नगर पंचायत ने वृद्ध और बीमार जितेन्द्र यादव  के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत किया है। बेटे सन्नी यादव को उसने दौड़-धूप के लिए अधिकृत कर रखा है।  सन्नी ने सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी करते हुए आवास का निर्माण जारी रखा है, जिसकी अगली किश्त नगर पंचायत की ओर जारी नहीं हो रही थी। इसके लिए सन्नी पिछले सात माह से भटक रहा था। नगर पंचायत में पदस्थ सब इंजीनियर सत्यप्रकाश मधुकर से उसने बात की तो उसने अगली किश्त जारी करने के लिए 10 हजार रुपये की मांग की। परेशान सन्नी ने बिलासपुर में एसीबी से शिकायत की। उसने एसीबी की ओर से दी गई डिवाइस पर कॉल रिकॉर्ड की और गुरुवार की दोपहर योजना के मुताबिक रकम देने के लिए पहुंच गया। सब इंजीनियर ने अपनी सोच के अनुसार समझदारी दिखाई और रिश्वत की रकम हाथ में नहीं ली। उसने दफ़्तर के अपने भरोसेमंद स्टाफ को इस करतूत में शामिल कर लिया। दफ़्तर के आर्किटेक्ट सुनील रात्रे को उसने एम बी (मेजरमेंट बुक) के साथ बुलाया। रिश्वत हाथ में नहीं लेनी है, इस बुद्धि के साथ उसने डायरी के भीतर रिश्वत की रकम रखने कहा। प्रार्थी सनी ने ऐसा ही किया। आर्किटेक्ट रात्रे बाहर निकला, सब इंजीनियर मधुकर के ड्राइवर अशोक श्यामले से मिला। ड्राइवर को उसने एमबी में दबाये गये रुपये को निकालकर दिया। ड्राइवर ने उस रकम को अपने हाथ से पकड़ा और पीछे की डिक्की में रखी एक दूसरी डायरी में दबा दिया।

इधर एसीबी की टीम इंतज़ार में थी कि सन्नी रिश्वत की जानकारी दे। पर वह पौन घंटे तक नहीं आया। वह टीम को पास की दुकान में चाय पीते हुए मिला। सन्नी ने पूरी घटना बताई और कहा कि सब इंजीनियर मधुकर ने अपने हाथ में तो रिश्वत ली ही नहीं। टीम ने पूरा वाकया पूछा और कुछ मिनटों के भीतर ही सब इंजीनियर मधुकर, आर्किटेक्ट रात्रे और ड्राइवर श्यामले को हिरासत में ले लिया। रात्रे और श्यामले के हाथ पंचनामा के साथ धुलवाये गए। तब तक रंग छूटे नहीं थे। आर्किटेक्ट और ड्राइवर ने बताया कि उन्होंने सब इंजीनियर की ओर से दी गई रकम को ही उनकी गाड़ी में रखा है, रिश्वत की रकम है या नहीं उनको पता नहीं। एसीबी ने सब इंजीनियर को भी हिरासत में ले लिया। साथ ही आर्किटेक्ट और ड्राइवर भी एसीबी की हिरासत में हैं।

 

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