बिलासपुर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना का अनुदान बंद किए जाने का मुद्दा सांसद अरुण साव ने लोकसभा में उठाया। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार इस योजना को प्रदेश में कड़ाई से लागू कराए, ताकि निर्धन परिवारों को इसका लाभ मिल सके।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सांसद साव ने कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद उज्ज्वला योजना की शुरुआत कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया। इस योजना को लागू किए जाने से एक तरफ जहां वृक्षों और वनों की अंधाधुंद कटाई पर रोक लगी, वहीं दूसरी तरफ माताओं-बहनों के स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ा और उनके समय की भी बचत होने लगी।
साव ने बताया कि पूर्व में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार इस योजना के तहत प्रत्येक हितग्राही को गैस चूल्हे व पहली रिफलिंग के लिए 14 सौ रुपए का अनुदान देती थी किन्तु सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने इस योजना के लिए अनुदान जारी करना बंद कर दिया है। इसके कारण पेट्रोलियम कंपनियां इस योजना को लागू करने और अमल में लाने में हीला-हवाला कर रहीं हैं। नतीजतन पात्र हितग्राहियों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। साव कहा कि केन्द्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर छत्तीसगढ़ में उज्ज्वला योजना को कड़ाई से लागू करावे।
साव ने जानकारी दी कि उज्ज्वला योजना के तहत चूल्हे व पहली रिफलिंग के लिए 1400 रुपए प्रति व्यक्ति की दर से दिए जाने वाले अनुदान को राज्य सरकार ने बीते आठ महीने से रोक रखा है। तात्कालीन भाजपा सरकार ने इस योजना के तहत खनिज न्यास संस्थान, केम्पा व श्रम विभाग के मद से 2016-17 में जिले के 73 हजार 250 परिवारों को गैस कनेक्शन देने अनुदान दिया था। इसी तरह 2017-18 में 59 हजार 623 परिवारों एवं 2018-19 में 72 हजार 163 परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया है। इसके लिए डीएमएफ से 16 करोड़ रुपए जारी किए गए थे।