बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पदभार ग्रहण करने के बाद मिली कई सुविधाओं को लौटा दिया है। उन्होंने कहा है कि वे प्रोटोकॉल को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं करते हैं और जो सेवाएं मिल रही है उनमें भी कटौती कर रहे हैं।

महाधिवक्ता ने आज  पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पायलेटिंग और फॉलोगार्ड की सुविधा वापस लेने के लिए कहा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ शासन ने मेरे निवास से हाईकोर्ट तथा अन्य प्रवास पर फालोगार्ड तथा पायलेटिंग की जो सुविधा दी है, उसे वापसले ली जाये वे यह सुविधा लेने के इच्छुक नहीं हैं। महाधिवक्ता कार्यालय के अवर सचिव महादेव आगरकर को पत्र लिखकर उन्होंने उन दो भृत्यों की सेवाएं भी लेने से मना कर दिया है, जिनकी ड्यूटी उनके निवास पर लगाई गई थी। ये दोनों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, जिनकी सेवा कार्यालय में ही लेने के लिए कहा गया है।

ज्ञात हो कि महाधिवक्ता वर्मा ने शासकीय आवास को लेने से पदभार ग्रहण करने के दिन ही इन्कार कर दिया था। उन्होंने इसे शासन को वापस लेने के लिए पत्र लिख दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपने निवास से ही अपना कार्य संचालित करेंगे।

सोमवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता आलोक बख्शी को महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने टोयेटा इटियोस वाहन की चाबी भी सौंपी। यह वाहन शासन की ओर से महाधिवक्ता को उपलब्ध कराया गया है।

 

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