बिलासपुर/ करगीरोड कोटा (रामनारायण यादव) । करगी रोड कोटा के लिटिया गांव से दूल्हा लेकर एक हेलीकॉप्टर लोरमी उड़ान भरने वाला था, लेकिन वह पहुंचा ही नहीं। जबकि मौसम भी साफ था और किराये की पूरी राशि एडवांस दी जा चुकी थी। बारात निकली एक सजाये गये रथ में, जिसमें कृष्ण का वेश धारण कर दूल्हा सवार हुआ।  

लिटिया गांव के किसान अमरनाथ यादव के बेटे रामेश्वर की बारात आज खास होने वाली थी क्योंकि वह आज दुल्हन लाने के लिये हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने वाला था। इसके लिए गांव में एक हेलीपैड भी तैयार किया गया था। रायपुर की एक प्राइवेट कंपनी से किराए पर हेलीकॉप्टर मंगाया गया था और इसके लिये 8 लाख रुपये एडवांस में चुका दिए गए थे। दोपहर तक खबर आती रही कि जैसे ही मौसम ठीक होगा हेलीकॉप्टर उड़ान भरेगा, लेकिन शाम होते तक पता चला कि किसी कारणवश हेलीकॉप्टर नहीं पहुंच रहा है।

ग्राम का अमरनाथ यादव अपने पिता स्व. बिहारी लाल की इच्छा को पूरी करने के लिए चाहता था कि उसका बेटा रामेश्वर हेलीकॉप्टर पर दुल्हन को लेकर आये। इसीलिए एक मध्यमवर्गीय किसान होने के बावजूद उसने इस पर काफी खर्च किया। इस अद्भुत बारात को देखने के लिए बड़ी संख्या में गांव के लोग इकट्ठे हुए थे। रामेश्वर की ससुराल लोरमी इलाके के पेन्ड्री तालाब ग्राम में भी हेलीपैड तैयार कर लिया गया था और वहां भी बड़ी संख्या में लोग हेलीकॉप्टर में दूल्हे के उतरने की प्रतीक्षा कर रहे थे। दूल्हा, दुल्हन के परिवार सहित गांव वाले इस अद्भुत मंजर को नहीं देख पाने को लेकर मायूस हो गए। पर शादी का जश्न फीका नहीं होने दिया। हेलीकॉप्टर नहीं आने के बाद सजाए गए एक बेहतरीन रथ में रामेश्वर की बारात निकली। दूल्हे ने उसने स्वयं कृष्ण का रूप धारण कर लिया था और बंसी बजाते हुए रथ पर सवार था। उसके साथ जो बाराती मित्र थे उन्होंने भी सखा की वेशभूषा धारण की थी। परिवार वाले शादी के बाद पता करेंगे कि आखिर बारात ले जाने के लिए अनुबंध और एडवांस के बावजूद हेलीकॉप्टर पहुंचा क्यों नहीं।

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