रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी अब आपराधिक गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है। आम आदमी के अलावा अब मिडिया से जुड़े लोगों भी सुरक्षित नहीं है। ताजा माला नवाम रायपुर की है। बदमाशों ने शनिवार की रात करीब 1 बजे एक पत्रकार का रास्ता रोककर लूट की वारदात को अंजाम देने की कोशिश की गई। एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार अभिषेक कुमार अपना काम खत्म कर दफ्तर से घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में उनके साथ ये वारदात हुई। इस मामले में पुलिस से शिकायत कर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
नवा रायपुर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटें रात में बंद कर दी जाती हैं। अंधेरे का भरपूर फायदा यहां लुटेरों को मिलता है। कुछ महीने पहले पोजेश वैद्य नाम के सिविल इंजीनियर को भी इसी तरह घेर का लूटा गया। पोजेश का नवा रायपुर में की कंस्ट्रक्शन साइट पर काम चल रहा था। रात के करीब 11 बजकर 30 मिनट पर एक परिचित का कॉल आया तो वह मोबाइल पर बात करने लगा। तभी बाइक सवार 4 बदमाश पहुंचे और राज्योत्सव मैदान के पास उसके आगे गाड़ी खड़ी कर रोक लिया। चाकू दिखाकर बाइक और मोबाइल लूट लिए गए।
20 दिन पहले ही पुलिस ने नवा रायपुर में इसी तरह की लूट की वारदात को अंजाम देने वाले एक गैंग को पकड़ा भी था। इन बदमाशों ने ट्रक वालों को रोककर लूटने को अपना धंधा बना लिया था। एक ट्रक वाले को रोका जब सफल नहीं हो पाए तो ड्राइवर के 15 हजार रुपए व फोन छीनकर भाग निकले। हाइवा ड्राइवर और उसके भाई ने लुटेरों को दौड़ाया। लुटेरे अपनी मोपेड छोड़कर भाग निकले। मोपेड के आधार पर पुलिस ने एक नाबालिग समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 12 हजार कैश, बाइक-मोपेड और फोन जब्त कर लिया है।