बिलासपुर. सिरगिट्टी पुलिस के पास एक अजीब मामला सामने आया है, जिससे उनकी परेशानी बढ़ गई है। मामला ट्रेनिंग सेंटर के किताबों की चोरी से जुड़ा हुआ है। लेकिन पुलिस की जांच में ये पता चला है कि जिन किताबों के चोरी होने की शिकायत मिली है, उससे अब जिम्मेदार अधिकारी ही इंकार कर रहे हैं। इतना ही नहीं पुलिस की पड़ताल में अब शिकायतकर्ता ही नहीं मिल रहा है।

पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता ने अपना नाम सीताराम कश्यप लिखवाया है। पर उसने जो पता लिखाया है, उस पते पर वो मिल ही नहीं रहा है। इधर, अधिकारी भी कह रहे हैं कि जब किताबें खरीदे ही नहीं गए, तो चोरी कैसे हो गई। ऐसे में अब पुलिस के सामने जांच को लेकर चुनौती खड़ी हो गई है।

दरअसल शहर के तिफरा में शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला (ट्रेनिंग सेंटर) का संचालन किया जाता है। इसके अलावा तिलक नगर में भी स्वयं नाम से एक दफ्तर चल रहा है। यहां दिव्यांगों को आर्मेचर वाइडिंग और इलेक्ट्रीकल, पेंटिंग व कामर्शियल पेंटिंग व्यवसाय, सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से प्रशिक्षण पिछले डेढ़ साल से बंद है। इस बीच विभाग की ओर से ट्रेनिंग के लिए करीब 50 हजार रुपए की किताबें खरीदी गई। इसे विभाग में सुरक्षित रखा गया था। पर मार्च-अप्रैल माह के बीच किसी ने इन किताबों को ही पार कर दिया है।

इसकी जानकारी लगने पर मामले की शिकायत समाज कल्याण विभाग के अलावा एसपी कार्यालय में की गई थी। एसपी के निर्देश पर मामले की जांच सिरगिट्टी थाना प्रभारी फैजुल शाह कर रहे हैं। फैजुल ने बताया कि इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि जब पुस्तकें ही नहीं खरीदी गई हैं, तो चोरी होने का सवाल ही नहीं। फैजुल ने बताया कि शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला से पुस्तकें चोरी होने की शिकायत मिली है। लेकिन विभाग के अधिकारी ही चोरी से इंकार कर रहे हैं। हमें ये भी नहीं पता चल पा रहा है कि आखिर शिकायत किसने की है।

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