बिलासपुर। चांटीडीह सब्जी मंडी में एक 12 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एक दिन पहले ही 11 साल के एक और बच्चे ने एक बंद पड़ी दाल मिल ने फांसी लगाई थी। दोनों बच्चे आपस में दोस्त थे।

कुम्हार पारा, करबला के रहने वाले 12 साल के गोपाल अहिरवार को सब्जी बाजार के किनारे एक शेड में लगे बांस के सहारे फंदे पर लटका हुआ पाया गया। सरकंडा पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने पाया कि उसकी मौत हो चुकी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस की जांच से पता चला कि बालक गोपाल के पिता शत्रुघ्न की मौत हो गई थी और उसकी मां दूसरी शादी करके अलग रहने लगी थी। बाकी रिश्तेदार गोपाल को रखने के लिए तैयार नहीं थे और वह लगभग बेसहारा था।

इस घटना के एक दिन पहले तेलीपारा के बंद पड़े दाल मिल में राजा गोंड नाम के 11 साल के एक बच्चे ने फांसी लगाई थी। कोतवाली पुलिस ने जांच के बाद पाया इसके माता-पिता रोजी मजदूरी करते हैं और बच्चे क्या कर रहे हैं, इस पर उनका ध्यान नहीं था।

राजा और गोपाल दोनों आपस में दोस्त थे। ऐसा माना जा रहा है कि राजा की आत्महत्या के बाद गोपाल ने भी खुदकुशी की योजना बनाई। दोनों ही घूम-घूम कर कचरा, पन्नी और कबाड़ इकट्ठा करके बेचते थे। दोनों बच्चों के बारे में मालूम हुआ कि वे नशे के आदी थे। राजा की जेब से पुलिस ने बोनपिक्स का ट्यूब भी बरामद किया है।

शहर में बड़ी संख्या ऐसे बच्चों की है जो दिन भर कचरा और कबाड़ के बीच बेचने लायक सामान इकट्ठा करते हैं और इससे मिले पैसों से बोनफिक्स अथवा दूसरी सस्ती नशीली दवा खरीदते हैं।

लगातार दो बच्चों के फांसी लगाने की घटना ने पुलिस को सतर्क कर दिया है। बोनपिक्स बेचने वाले व्यापारियों को कहा जा रहा है कि वह बच्चों को इसे ना बेचें। सरकंडा पुलिस ने गोपाल और राजा के सभी दोस्तों को बुलाया और उनकी काउंसलिंग की है। इस दौरान एक मनोचिकित्सक को भी बुलाया गया था। साथ ही उनके परिजनों से भी संपर्क कर बच्चों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है।

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