गिरीश त्रिवेदी एकल और डॉ. दत्ता सपरिवार देंगे गीत-संगीत की प्रस्तुति

बिलासपुर। वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए मंचों पर सजने वाली सांस्कृतिक और सांगीतिक महफिलों पर फिलहाल विराम लगा हुआ है। इसके चलते सोशल मीडिया का सकारात्मक और रचनात्मक इस्तेमाल हो रहा है। कला-साहित्य-संस्कृति से ओत-प्रोत विविध कार्यक्रमों को देखने-सुनने का माध्यम भले ही ऑनलाइन हो लेकिन उसकी अनुभूति बिल्कुल असल जिंदगी जैसी ही होती है।

‘बावरा मन’ ने भी उत्सवधर्मी जनमानस की सांस्कृतिक जरूरत को शिद्दत से महसूस करते हुए प्रत्येक शनि-रवि को नियमित वर्चुअल मंच सजाने की योजना बनाई है। इस सप्ताहांत शनि और रवि की शाम बावरा मन के फेसबुक अकाउंट में दो लाइव प्रस्तुतियां होंगी। लाइव प्रसारण इस लिंक पर होगा-

https://www.facebook.com/BAWARAMANN2019/

पहली शाम, बावरा मन के संस्थापक-सदस्य गिरीश त्रिवेदी के नाम होगी। आज शनिवार 27 जून की शाम 7.30 बजे गिरीश त्रिवेदी  भारतीय चित्रपट संगीत के सुनहरे काल के गीतों के शहंशाह मोहम्मद रफी के गीतों को अपनी आवाज़ देंगे। त्रिवेदी बिलासपुर की संगीत बिरादरी में एक अहम स्थान रखते हैं। पेशे से उद्योगपति गिरीश त्रिवेदी रफी के क्लासिक गीतों को खूब निभाते हैं। वे अनेक सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं जिनमें कला संगम सांस्कृतिक मंच प्रमुख है।

अगले दिन रविवार को शाम 7 बजे ‘बावरा मन’ के संरक्षक-सदस्य डॉ सुदीप्तो दत्ता, सपरिवार गीत-गायन की अनूठी छटा बिखेरेंगे। अपने पिता की भांति चिकित्सा-सेवा की विरासत सम्हाल रहे दंत-चिकित्सक डॉ दत्ता का पूरा परिवार संगीत से बेहद लगाव रखता है। गायन के साथ-साथ वादन के क्षेत्र में भी डॉ. दत्ता की कोई सानी नहीं। अकोर्डियन, सिन्थेसाइजर, गिटार में उनका हाथ बेहद सधा हुआ है। सेक्सोफोन पर शुद्ध शास्त्रीय राग की बारीकियां उकेरने में भी डॉ. दत्ता ने महारत हासिल कर रखी है। उनकी पत्नी इप्शिता श्रुति दत्ता, बिटिया सहाना और पुत्र श्रीधर की गायकी भी बरबस ही आकर्षित करती हैं। डॉ. दत्ता परिवार ने बिलासपुर के अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक मंचों पर प्रस्तुतियां दी है लेकिन रविवार को वे ऑनलाइन प्रस्तुति देंगे।

सांस्कृतिक संस्था ‘बावरा मन’ के अध्यक्ष पी. रामा राव और सचिव राजेश दुआ ने फेसबुक का लिंक जारी करते हुए कहा कि कलाकार अपने घर से बावरा मन के फेसबुक एवं यूट्यूब पेज के माध्यम से विविध विधाओं पर अपनी ऑनलाइन प्रस्तुतियां देंगे। लिंक से जुड़कर देश-विदेश के कलाप्रेमी उन्हें लाइव देख-सुन सकेंगे । उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों में गायन-वादन-नृत्य, व्याख्यान, कवितायें, रंगकर्म और साहित्यिक विमर्श के अलग-अलग रंग भी लोगों को देखने को मिलेंगे । ‘बावरा मन’ की ओर से  सुधि श्रोताओं से हर शनि-रवि की शाम इस अनूठे  मंच और वर्चुअल कन्सर्ट का हिस्सा बनने की अपील की गई है।

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