बिलासपुर। मरवाही विकासखंड के ग्राम गुल्लीडांड़ के आदर्श गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलायें गौठान में इकट्ठे किये गये गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर बिक्री कर रही हैं। उनके द्वारा निर्मित खाद को मार्केट भी मिल रहा है, जिससे महिलाएं उत्साहित हैं। गौठान में लगभग 30 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन और विक्रय किया जा चुका है।
गौठान में महामाया महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का काम किया जा रहा है।

शुरूआत में इन महिलाओं ने 21 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन किया, जो हाथों-हाथ बिक गये। अभी तक गौठान में महिलाओं द्वारा लगभग 3 हजार किलोग्राम वर्मी खाद का उत्पादन किया जा चुका है। इससे 19 हजार रूपये से अधिक की आय हुई है। गौठान से लगी हुई बाड़ी में इन महिलाओं द्वारा जैविक सब्जी का उत्पादन भी किया जा रहा है। इस जैविक खाद की खरीदी कृषि एवं उद्यानिकी विभाग करेंगे। ग्रामीणों को ईंधन की वैकल्पिक सुविधा हो, इसके लिये गौठान में बायो गैस प्लांट की स्थापना भी की जा रही है।
गौठान से लगे हुए लगभग एक एकड़ बाड़ी में ममता महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है। बाड़ी में गौठान से प्राप्त वर्मी खाद का उपयोग कर मेथी, पालक, लालभाजी, धनिया उगाई जा रही है, जिससे जैविक भाजी का स्वाद लोगों को मिलेगा। इन महिलाओं की मांग पर कलेक्टर द्वारा आलू, जिमीकंद, गाजर, मूली, शलजम के बीज एवं पौधे उन्हें उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
उद्यानिकी विभाग द्वारा वर्मी खाद उत्पादन करने वाली महिलाओं को निःशुल्क तौल कांटा, वर्मी बेड और ड्रम प्रदान किया गया। गौठान में करीब 8 एकड़ से अधिक क्षेत्र में चारागाह विकास किया गया है। जिससे गौठान में आने वाले मवेशियों को भरपूर चारा उपलब्ध हो रहा है। गौठान में उत्पादित 10 टन से अधिक हरा चारा पशु आहार हेतु कटाई की जा चुकी है।
गौठान में अभी प्रतिदिन लगभग 250 पशु आते हैं। इस गौठान की फेंसिंग के लिये महिला स्व-सहायता समूह द्वारा फेंसिंग पोल की आपूर्ति भी की गई। कृषि विभाग द्वारा पांच वर्मी बेड्स और दो नाडेप टांके जैविक खाद निर्माण के लिये स्थापित किये गये हैं।

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