नेताजी की जयंती पर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में युवा संसद का आयोजन

बिलासपुर 13 जनवरी। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद की क्षेत्रीय प्रतियोगिता रखी गई। इसमें देश के 12 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के 71 प्रतिभागी शामिल हुए।

प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रुप में क्षेत्रीय सांसद अरुण कुमार साव सम्मिलित हुए। अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।

इस मौके पर सांसद ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का सीधा संबंध हमारी जीवन शैली से है। हमारी पद्धति ही पर्यावरण से प्रेम की रही है, पर आधुनिकता की दौड़ में हम बड़ों की सलाह को दरकिनार करते रहे हैं। इसके चलते अब हमें इसे गंभीर विषय मानते हुए इस पर चर्चा करनी पड़ रही है। पर्यावरण को हमने ही असंतुलित किया है तथा इसे ठीक करने की जिम्मेदारी भी हमारी है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि जैसे प्रधानमंत्री की एक आवाज पर आज स्वच्छता एक जन आंदोलन बन गया है वैसे ही पर्यावरण संरक्षण को भी जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आज के युवाओं पर है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो चक्रवाल ने कहा कि हम उस देश में रहते हैं जहां प्रकृति की वंदना सर्वोपरि है। हम पेड़ों और प्रकृति की पूजा करते हैं। नदियों में भगवान को देखते हैं। आज हमारे युवा देश की नदियों को जानने रिन्यूएबल ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन आदि पर तेजी से काम कर रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों का ही परिणाम है कि आज हमारा देश सतत विकास के लक्ष्यों को 2024 में ही हासिल कर लेगा, जबकि विकसित देश इसके लिए 2030 तक का समय मांग रहे हैं। चक्रवाल ने गोपाल आर्य द्वारा चलाई जा रही नदियों को जानो योजना एवं अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में पत्रकार हिमांशु द्विवेदी भी आभासी माध्यम से जुड़े। उन्होंने युवा पीढ़ी के विचारों से सहमति जताते हुए विश्वास जताया कि वे जागृत होकर पर्यावरण संरक्षण के काम को आगे बढ़ाएंगे। अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फीयर रिजर्व के निदेशक श्री विष्णु ने भी अपने विचार रखे। निर्णायक मंडल के सदस्य कृष्णकांत चंद्रा ने कहा कि कृषि में रसायन का अधिक उपयोग और प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकना आज कठिन काम है इसके विकल्प पर युवाओं को विचार करना होगा।

युवा संसद राष्ट्रीय प्रतियोगिता के समन्वयक डॉ केके चंद्रा ने स्वागत भाषण में दिया। डॉ अमित प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी। डॉ भावना दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। पूरे कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग यूट्यूब, फेसबुक और गूगल मीट के माध्यम से की गई।

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