रायपुर। कैग की रिपोर्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। भाजपा ने कहा है कि सरकार के वित्तीय प्रबंधन के कारण राज्य में अब तक का सबसे ज्यादा वित्तीय घाटा दर्ज किया है।
ज्ञात हो की विधानसभा सत्र के आखरी दिन पटल पर पिछले शुक्रवार को कैग की छत्तीसगढ़ की वित्तीय व्यवस्था पर रिपोर्ट रखी गई थी। चार्टर्ड अकाउंटेंट और भाजपा प्रवक्ता अमित चिमनानी ने आरोप लगाया कि राज्य आर्थिक बदहाली की ओर बढ़ रहा है। राज्य के मंत्री रविन्द्र चौबे आय में कमी का कारण कोरोना महामारी को बताते हैं जबकि यह रिपोर्ट छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के पहले केस मार्च 2020 में आने के पहले की है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व आए 12 26.2 3 करोड़ घटी है राजस्व 9066.14 करोड़ बड़ा है बीते 2 सालों में पूंजीगत व्यय में 1098 करोड़ की कमी देखी गई है सरकार ने 7265.79 करोड़ का निवेश किया जिसमें सिर्फ 0.03 प्रतिशत रिटर्न मिला। पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व आय 1226.23 करोड़ रुपए घटी है। राजस्व व्यय 9066.14 करोड़ रुपए बढ़ा, जो प्रदेश की आर्थिक बदहाली को बताती है। पिछले 2 वर्षों में पूंजीगत व्यय में 1098 करोड़, व 337 करोड़ की कमी देखी गई। सरकार ने कुल 7265.79 करोड़ के निवेश किये जिनमें रिटर्न मात्र .03% कर्ज लेने पर औसत खर्चा 6.83 फीसदी हुआ है.
चिमनानी ने कहा कि सरकार ने 11,396 करोड़ की राशि होने के बाद भी बैंक लोन लिया। 145 प्रोजेक्ट जिन्हें 2020 तक पूरा किया जाना था, पूरे नहीं हुए। सरकार ने राज्य की जीडीपी का 23.91 प्रतिशत का कर्ज लिया है। इधर जीडीपी ग्रोथ में 2.69 प्रतिशन की गिरावट दर्ज की गई है। सरकार की आय के ग्रोथ में भी 8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
चिमनानी ने  कहा कि केंद्र सरकार पैसा नहीं देती, ये झूठा आरोप है। प्रदेश की कुल आय का 53 प्रतिशत केंद्र का ही है। सरकार की आय में 8 प्रतिशत की कमी हुई। जीएसटी की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में भी केंद्र ने 3 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि दी। कैग ने राज्य सरकार से जीएसटी के पोर्टल एक्सेस करने का अनुरोध किया, लेकिन राज्य सरकार ने कैग को जीएसटी का पोर्टल एक्सेस नहीं करने दिया।
उन्होंने कहा कि इस समय 9608.61 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे में है. दूसरी तरफ पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व आय 1226.23 करोड़ रुपए घटा है। पिछले 2 वर्षों में पूंजीगत व्यय में 1098 करोड़ व 337 करोड़ रुपए की कमी देखी गईय़ सरकार ने कुल 7265.79 करोड़ का निवेश किया। सरकार के पास 11,396 करोड़ की राशि होने के बाद भी उन्होंने बैंक से लोन लिया।
चिमनानी ने कहा कि सरकार दावे बड़े-बड़े करती है, लेकिन उन्होंने बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च ही नहीं किया, जिसकी वजह से 1527 करोड़ रुपए लेप्स हो गए। यदि सरकार कोई राशि खर्च नहीं कर पाती तो सरकार को सरेंडर करना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार 9608 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ। सरकार न सिर्फ सरप्लस को जीरो कर रही बल्कि घाटा भी झेलना पड़ रहा है। कांग्रेस सरकार ने वित्तीय घाटे की सारी सीमाओं को लांघ दिया। भाजपा सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ। भाजपा सरकार ने 41 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ा था, अब वो बढ़कर 80 हजार करोड़ रुपए हो गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here