उद्गम स्थल सहेजने, निरंतर प्रवाहित रखने के लिए बनी योजना

हाईकोर्ट में पीआईएल को लेकर विशेषज्ञों, न्याय मित्रों, बिलासपुर और जीपीएम जिले के अधिकारियों के बैठक

बिलासपुर। अरपा नदी के संरक्षण के लिए हाईकोर्ट में चल रही जनहित याचिका के संदर्भ में अरपा को पुनर्जीवित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए कलेक्ट्रेट में विशेषज्ञों, न्याय मित्रों बिलासपुर तथा जीपीएम जिले के कलेक्टर व अन्य अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में अरपा के उद्गम स्थल को सहेजने, अवैध रेत उत्खनन को कड़ाई से रोकने, मृदा क्षरण रोकने जैसे अनेक फैसले लिए गए।

परिचर्चा में कलेक्टर बिलासपुर सौरभ कुमार एवं कलेक्टर  जीपीएम ऋचा प्रकाश चौधरी ने अरपा में जल प्रवाह बनाए रखने के लिए तैयार की गई योजनाओं पर चर्चा की। जल संसाधन विभाग जल संरक्षण के लिए प्रचलित योजना तैयार करेगा। वन विभाग मृदा क्षरण रोकने तथा जल प्रवाह को निरंतर बनाए रखने के लिए निर्माण व पौधारोपण का कार्य करेगा। जिला पंचायत मनरेगा के तहत जल संरक्षण एवं भू जल स्तर के संवर्धन की योजना बनाएगा। खनिज विभाग अवैध रेत उत्खनन को कड़ाई से रोकने की योजना बनाएगा। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत नदी के किनारे तट पर वृक्षारोपण किया जाएगा। उद्योग विभाग द्वारा दूषित जल का फिल्ट्रेशन कर नदी में प्रवाहित करना सुनिश्चित करेगा। पर्यावरण विभाग भू जल स्तर पर निरंतर निगरानी रखेगा। नदी को प्रदूषित करने वालों पर जुर्माना लगाने औ अवैध रेत उत्खनन पर कड़ी कार्रवाई का निर्णय भी लिया गया है।

उच्च न्यायालय से गठित एमिकस क्यूरी की ओर से वाय सी शर्मा, ए एस कछवाहा, यू एन एस देव , पीएल चंद्राकर , सीके केशरवानी, स्वर्ण कुमार चंदेल व याचिकाकर्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने बैठक में सुझाव दिए। अरपा नदी के उद्गम स्थल का 26 नवंबर को संयुक्त निरीक्षण करने का निर्णय लिया गया है।

बैठख में नगर निगम आयुक्त कुणाल ददावत , वनमण्डलाधिकारी बिलासपुर निशांत कुमार,  वनमण्डला धिकारी जीपीएम प्रेमलता यादव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जयश्री जैन एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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