बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में हेड ऑन जनरेशन (एचओजी) प्रणाली से पिछले 16 महीनों में लगभग 15 करोड़ रुपए के डीजल की बचत की गई है। एसईसीआर की 15 ट्रेनें हरित यानी ‘ग्रीन’ ट्रेन हो गई है। अब ये ट्रेनें महंगे डीजल ईंधन को जलाने की बजाय ओवर हेड उपकरण (ओएचई) के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली ले रही है ।

एचओजी इंजन से सीधे इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पावर केबल की शक्ति का उपयोग करके प्रकाश और एयर कंडीशनिंग के लिए कोचों को विद्युत आपूर्ति करने की एक प्रणाली है। एलएचबी आधारित ट्रेनों के कोचों के लिए विद्युत उत्पादन के सबसे आम तरीके को एंड ऑन जेनरेशन (ईओजी) कहा जाता है। प्रत्येक एलएचबी गाड़ियों पर कोचों को विद्युत आपूर्ति करने के लिए डीजल इंजन ले जाने वाली पावर कार के दो सेट होते थे जिसमें कोच में लाइट और एयर कंडीशनिंग के लिए बिजली की आपूर्ति ट्रेन के दोनों सिरों पर लगाए गए विद्युत कारों में उपलब्ध डीजल जेनरेटर सेट के माध्यम से की जाती है। अब इन सभी 15 ट्रेनों में इंजन के माध्यम से ओवर हेड उपकरण (ओएचई) से विद्युत की सप्लाई की जा रही है।

एचओजी प्रणाली के प्रयोग से डीजल की नगण्य खपत होती है जिसके परिणाम स्वरूप 10 करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य की डीजल की साला बचत हो सकती है। डीजल जलने से वायु प्रदूषण भी कम करने में मदद मिलती है, डीजल जनरेटर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से भी छुटकारा मिलता है।

इसके साथ ही रेलवे ने छोटे इंजन वाले नए प्रकार की पावर कारों का निर्माण शुरू कर दिया है  जो डीजल की न्यूनतम खपत के कारण संभव हो सका है। इसमें जो स्थान पहले भारी इंजनों के लिए आरक्षित था, उसका सामान्य वर्ग के बैठने के लिए उपयोग किया जा रहा है जिससे इन ट्रेनों में यात्रियों के लिए बैठने की क्षमता में वृद्धि हो रही है। डीजल जनरेटर से तेल और जनरेटर के अन्य खतरनाक ज्वलनशील उपकरणों को अलग करने के कारण आग के खतरों मे कमी आई है ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ‘हेड ऑन जेनरेशन‘ (एचओजी) प्रणाली पर ये ट्रेनें चल रही हैं- बिलासपुर-चेन्नई एक्सप्रेस, बिलासपुर-पुणे, एक्सप्रेस, बिलासपुर-एर्नाकुलम एक्सप्रेस, बिलासपुर-पटना एक्सप्रेस, बिलासपुर-भगत की कोठी एक्सप्रेस, बिलासपुर-बीकानेर एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस, दुर्ग-निज़ामुद्दीन, हमसफ़र एक्सप्रेस, दुर्ग-जम्मूतवी एक्सप्रेस, दुर्ग-फिरोजपुर अंत्योदय एक्सप्रेस कोरबा-रायपुर, हसदेव एक्सप्रेस, दुर्ग–नौतनवा एक्सप्रेस, दुर्ग-कानपुर, बेतवा एक्सप्रेस, दुर्ग–नौतनवा और दुर्ग–अजमेर एक्सप्रेस  शामिल है ।

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