बिलासपुर। सतगुरु नानक परगटेया, मिट्टी धुंध जग चानन होया…। सिक्खों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव के ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी गुरुद्वारा कमेटी दयालबंद की देख-रेख में युद्ध स्तर पर चल रही है। आयोजन को यादगार बनाने के लिए कमेटी के सभी सदस्य जोर-शोर से जुटे हुए हैं।

सभी कार्यक्रम गुरुनानक स्कूल परिसर में आयोजित होंगे। आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए 25 हजार वर्गफीट पर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ननकाना साहिब की तर्ज पर विशाल पंडाल बनाया गया है। पंडाल के भीतर भी साज-सज्जा की जा रही है। आयोजन को भव्य बनाने के लिए चंदननगर पश्चिम बंगाल से बुलाकर आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था गांधी चौक से गुरुनानक चौक तक की गई है, जो शहरवासियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

आठ नवंबर को विशाल कीर्तन कवर्धा से रवाना होगा

दयालबंद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अमरजीत सिंह दुआ और पूर्व प्रधान जोगिन्दर सिंह गंभीर ने बताया कि कार्यक्रम के तहत 8 नवंबर को सुवह 9 बजे विशाल कीर्तन कवर्धा से रवाना होगा। यह पांडातराई, पंडरिया, फास्टरपुर, मुंगेली, तखतपुर होते हुए दो बजे गुरुद्वारा श्री कलगीधर 27 खोली बिलासपुर पहुंचेगा। नगर कीर्तन का जगह-जगह स्वागत किया जायेगा। पंडरिया, सेतगंगा, फास्टरपुर आदि में भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है। मुंगेली, नवागढ़, सम्बलपुर व लोरमी की संगत द्वारा भी स्वागत किया जायेगा। तखतपुर की संगत भी स्वागत के लिए जोर-शोर से जुटी है।

मुख्य मार्ग से गुजरेगा कीर्तन

आठ नवंबर को दोपहर दो बजे लंगर के बाद नगर कीर्तन 27 खोली गुरुद्वारा से तीन बजे दयालबंद के लिए रवाना होगा। देवकीनंदन चौक से पैदल गोंडपारा, सदरबाजार, गोलबाजार, सिटी कोतवाली चौक से तेलीपारा, पुराना बस-स्टैंड, शिव टॉकीज चौक, गांधी चौक होते हुए गुरुनानक स्कूल चौक के पंडाल में कीर्तन पहुंचेगा।

नगर कीर्तन के शहर में भव्य और ऐतिहासिक स्वागत के लिए संगत जुटी हुई है। जगह-जगह स्वागत द्वार बनाये गए हैं। रास्ते में बच्चों द्वारा गतका व मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया जायेगा। अन्य समितियों द्वारा भी स्वागत की रूपरेखा बनाई जा रही है। गुरुनानक स्कूल में नगर कीर्तन का समापन होगा, जिसके बाद यहां कीर्तन दीवान होगा। इसके अलावा 9 से 12 नवंबर तक कीर्तन दीवान रखे जायेंगे।

यदुनंदननगर, सिरगिट्टी और गोंडपारा में कीर्तन समागम

9 नवंबर को सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक यदुनंदन नगर एवं शाम सात से  रात 11 बजे तक गुरुनानक स्कूल परिसर में कीर्तन समागम होगा।

10 नवंबर को सुबह 10 से दो बजे तक गुरुद्वारा सिरगिट्टी में व शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक गुरुनानक स्कूल में तथा 11 नवंबर को सुबह 10 बजे से दो बजे तक गुरुद्वारा गोंडपारा में एवं शाम सात बजे से रात 11 बजे तक गुरुनानक स्कूल परिसर में कीर्तन समागम होगा।

मुख्य कार्यक्रम 12 नवंबर को

मुख्य कार्यक्रम 12 नवंबर को दयालबंद गुरुद्वारा परिसर के खुले पंडाल में होगा जहां सुबह आठ बजे से दोपहर 2.30 बजे तक कीर्तन दीवान होगा और इसके बाद गुरु का लंगर बरतेगा। इसी दिन शाम 6 बजे से 7.30 बजे तक बच्चों के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाएंगे। शाम 7.30 बजे से 8 बजे तक भव्य आतिशबाजी की जायेगी। इसके बाद रात आठ से 12 बजे तक कीर्तन समागम होगा।

कीर्तन समागम में विशेष रूप से भाई मेहताब सिंह जालंधर, सरबजीत सिंह पटना साहिब, सतपाल सिंह दिल्ली, भाई गुलशेर सिंह हजूरी रागी जत्था, ज्ञानी मान सिंह ग्रंथी दयालबंद अपने कीर्तन एवं कथा से साध संगत को निहाल करेंगे।

इन सभी कार्यक्रमों में संगत एवं श्रद्धालुओं के लिये पार्किंग की समुचित व्यवस्था की जा रही है। 27 खोली, गोंडपारा, सिरगिट्टी, गोलबाजार की संगत के लिये  गांधी चौक में  पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। तोरवा, टिकरापारा, जगमल चौक की संगत के लिये सेण्डो आइस फेक्ट्री के पास खाली प्लाट में  पार्किंग रखी जायेगी। सरकंडा, राजकिशोर नगर, लिंगियाडीह की संगत के लिये  गुरुगोविंद सिंह सेतु के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

गुरुद्वारा कमेटी दयालबंद के प्रधान अमरजीत सिंह दुआ ने प्रबंधक कमेटी की ओर से आग्रह किया है कि सारी संगत अपने अपने घर एवं दुकानों में रोशनी करें। इसके अलावा 12 नवम्बर मंगलवार को अपनी दुकानें एवं व्यवसाय बंद रखें। सभी संगत नगर कीर्तन आठ नवंबर शुक्रवार को एवं प्रकाश उत्सव 12 नवंबर मंगलवार को ड्रेस कोड में शामिल हों। पुरुषों के लिये केसरी दस्तार, सफेद कुर्ता पैजामा, केसरी जैकेट तथा महिलाओ के लिये केसरी दुपट्टा, सफेद सलवार सूट, केसरी जैकेट ड्रेस तय किया गया है।

एक वर्ष तक चला श्री सहज पाठ साहिब

गुरुनानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित सहज पाठ साहिब का समापन बुधवार को सुबह नौ बजे हुआ। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी र सुखमणि साहिब सर्किल के योगदान से विगत एक वर्ष से यह पाठ निरंतर चल रहा था। समापन अवसर पर कीर्तन दरबार को संगतों ने सजाया था। इस समापन में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने बढ़-चढ़कर हाजिरी लगाई। बिलासपुर के अलावा मुंगेली, कवर्धा, रायपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, दल्ली राजहरा, ओडिशा, रायगढ़, बिल्हा आदि की संगतों ने पाठ को मिल जुलकर किया। इस समापन में करीब 800 संगत ने हिस्सा लिया। इसके बाद गुरु का अटूट लंगर बरता गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अमरजीत सिंह, जोगिंदर सिंह, जगमोहन सिंह अरोड़ा, मनदीप सिंह गंभीर, नरेंद्र पाल सिंह, हेड ग्रंथी मानसिंह वडाला, रोमी सलूजा, मीत गंभीर, गोल्डी छाबड़ा, तरण सलूजा, दलजीत कौर सलूजा, मनप्रीत कौर, अवी अजमानी, बलजीत कौर अजमानी, महिंदर कौर सलूजा,   सुश्मीत कौर, रेशम गंभीर, रोजी,  रिया, राजपाल, रानी छाबड़ा, कमल वाधवा, रीना छाबड़ा आदि जुटे थे।

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