पथरिया और बिल्हा के बैंकों में किया था चोरी का प्रयास, शहर के मोबाइल, कपड़ा और साइकिल दुकानों में भी दिया वारदात को अंजाम

बिलासपुर। सिविल लाइन और सरकंडा पुलिस ने अपचारी बालकों के साथ मिलकर दो बैंकों में चोरी करने की कोशिश करने वाले गिरोह को पकड़ा है। मोबाइल और कपड़ा दुकान से की गई चोरी का भी इनसे खुलासा हुआ है। पुलिस ने इनसे चोरी के पांच महंगे मोबाइल फोन, 40 हजार रुपये के कपड़े, बाइक और नगद 20 हजार रुपये बरामद किये हैं।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मंगल अटल बाजार में हुई चोरी के संदेही एक अपचारी बालक के बारे में पता लगने पर थाना प्रभारी कलीम खान ने उसे बुलाकर पूछताछ की। उनसे राजेन्द्र गोंड के साथ कपड़े की एक दुकान में चोरी करना स्वीकार किया। साथ ही बताया कि 36मॉल में भई उसने एक महंगे मोबाइल फोन की चोरी की है। पता चला कि सरकंडा थाने के कुछ अपचारी बालक, जो हाल ही में बाल संप्रेक्षण गृह से छूटकर आये हैं वे अलग-अलग थाना क्षेत्रों में चोरियों को अंजाम दे रहे हैं। पकड़े गये आरोपियों ने अपने तीन नाबालिग आरोपियों के नाम और बताये। उनसे भी पूछताछ की गई। पता चला कि सात-आठ माह पहले बिल्हा के पंजाब नेशनल बैंक में इन्होंने सेंधमारी की थी। उन्होंने बैंक में रखी चाबी तथा अपने पास की गैती से लॉकर तोड़ने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। सुबह हो जाने के भय से वे गैती को रास्ते में एक खेत में फेंककर स्कूटी से वापस बिलासपुर आ गये। दो अन्य नाबालिगों ने 8-9 माह पहले मिशन अस्पताल रोड स्थित रोहरा साइकिल दुकान के पीछे के दरवाजे को लोहे के औजारों से तोड़कर 15 हजार रुपये चुरा लिये थे। दो माह पहले तीन अपचारी बालकों ने राजा रघुराज सिंह स्टेडियम के पास स्थित कृष्णा मोबाइल सेंटर में सेंधमारी की  थी। एक बालक छोटे से छेद के जरिये भीतर घुसा और वहां से उन्होंने चार महंगे मोबाइल फोन चुरा लिये। फोन चुराने के बाद वे इसका इस्तेमाल भी कर रहे थे और ग्राहक खोज रहे थे। पांच दिन पहले स्टेट बैंक पथरिया में भी उन्होंने चोरी की नीयत से रैकी की पर आस-पास की चहल-पहल देखकर उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। पुलिस ने वारदातों में शामिल पांच नाबालिगों के अलावा अपोलो चौक लिंगियाडीह के रहने वाले राजेन्द्र गोंड तथा रामायण चौक चांटीडीह के रोहित तिवारी को गिरफ्तार किया है।

इस कार्रवाई में उप निरीक्षक मोहन भारद्वाज, प्रधान आरक्षक अशोक कश्यप, शोभित केंवट, आरक्षक तरुण केशरवानी, दीपक उपाध्याय, विवेक राय, संजीव जांगड़े, जय साहू, अविनाश पांडे, गोविन्द शर्मा, तदबीर सिंह व अन्य स्टाफ का योगदान रहा।

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