बिलासपुर। पुलिस ने जज की सील को चुराकर जाली दस्तावेज तैयार करने के आरोप में एक वकील और फर्जी पत्रकार को गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते अगस्त में सीजेएम डमरू धर चौहान की सील और मुहर उनकी अदालत से चोरी हो गई थी। उन्होंने इसकी एफ आई आर सिविल लाइन थाने में दर्ज करवाई थी। इस बीच सिविल लाइन के एसआई धर्मेंद्र वैष्णव को पता चला कि सांची कॉलोनी मोपका में रहने वाला राजेश मैसी (42 वर्ष) जज के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करता है और लोगों के साथ ठगी कर रहा है। उसने अपनी स्कोडा कार में ऑल इंडिया क्राइम प्रेस मीडिया लिखा कर रखा है। पुलिस ने उसे घेराबंदी कर भारतीय नगर चौक से हिरासत में ले लिया। पुलिस पर रौब जमाने के लिए उसने अपने ऑल इंडिया क्राइम प्रेस मीडिया का सर्टिफिकेट और दूसरे दस्तावेज दिखाए। इसमें एक दस्तावेज रजिस्ट्रार, न्यूज़पेपर ऑफ इंडिया का था, उसमें टाइटिल के लिए आवेदन किया गया था। एक दूसरा दस्तावेज था जिसमें घोषणापत्र था और नीचे सीजेएम के पदनाम वाली सील लगाई गई थी और साथ में हस्ताक्षर था। दस्तावेजों का सीजी एम कोर्ट से आई डॉग के साथ मिलान किया गया। यह मालूम हो गया कि सील के ऊपर जज का फर्जी हस्ताक्षर है। कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी राजेश मैसी ने राज उगल दिया। उसने बताया कि अखबार के रजिस्ट्रेशन के लिए सीजेएम की सील और हस्ताक्षर के साथ दस्तावेज भेजने की जरूरत थी जिसके लिए उसने अपने परिचित कस्तूरबा नगर में रहने वाले अधिवक्ता राहुल गोस्वामी (31 वर्ष) से संपर्क किया। 6 माह पहले गोस्वामी ने इस शर्त पर सील चुरा कर दी कि काम पूरा हो जाने के बाद वह सील वापस कर देगा जिसे वह कोर्ट ले जाकर रख देगा। गोस्वामी ने चोरी स्वीकार कर ली और बताया की उन दोनों ने सीजेएम चौहान की कोर्ट से सील और मुहर चुराई थी और फर्जी दस्तावेज बनाए थे। मैग्जीन के लिए आवेदन में भी फर्जी सील और हस्ताक्षर का इस्तेमाल किया गया।
दोनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 379, 467, 468 और 120 बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर यह मालूम कर रही है कि उनके साथ कोई रैकेट तो काम नहीं कर रहा है।

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