करगीरोड-कोटा (रामनारायण यादव)। कोटा तहसीलदार प्रमोद गुप्ता के खिलाफ कोटा प्रेस क्लब के सदस्यों ने मोर्चा खोलते हुए सोमवार 19 अक्टूबर से एसडीएम कार्यालय कोटा के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। उन्होंने इसे लेकर एसडीएम कोटा आनंद रूप तिवारी को ज्ञापन सौंपा है।

ताजा मामला कोटा विकासखंड के नगोई निवासी दिलहरण यादव का है जो पेशे से अधिवक्ता भी हैं। उनके छोटे भाई के पुत्र की पानी में डूबने के कारण मौत हो गई थी। शासन द्वारा प्रदान की जाने वाली 4 लाख रुपए के लिए 14 अक्टूबर को वे मृत बच्चे की मां के साथ तहसील कार्यालय पहुचे थे। प्रक्रिया पूरी करने के काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब राशि का चेक नहीं मिला तो पूछने पर कार्यालय के बाबू ने कहा कि कमीशन की राशि के बगैर चेक नहीं दिया जायेगा। पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से इस बात की शिकायत की है। शिकायत में तहसीलदार व बाबू दोनों के खिलाफ आरोप है।

पूर्व में भी कोटा नगर के सत्ताधारी दल सहित विपक्षी दलों के नेताओं व अन्य लोगों ने भी कोटा तहसीलदार के ऊपर जमीन नामान्तरण, ऋण-पुस्तिका के नाम पर 5 से 10 हजार रुपए की बाबू के माध्यम से अवैध उगाही करने की बात बताई गई थी।

इस बारे में एसडीएम कोटा ने कहा कि सभी संबंधित मामलों की सूचना कलेक्टर दे दी गई है।  कई बार तो ये समझ नहीं आता कि वर्तमान में कोटा ब्लॉक को एसडीएम कोटा चला रहे हैं, या फिर तहसीलदार कोटा। फिलहाल पूरे मामले को लेकर कोटा प्रेस क्लब के धरने को रतनपुर, बेलगहना, रतनपुर बार एसोसियेशन की ओर से भी समर्थन देने की बात कही गई है।

कोटा तहसीलदार प्रमोद गुप्ता लगातार विवादों में बने रहे हैं। चुनाव के समय महिला अभ्यर्थी के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग, अपने अधीनस्थ महिला पटवारी, कर्मचारियों, पत्रकारों-वकीलों-जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार का मामला सामने आता रहा है। वर्तमान में राजस्व से जुड़े मामले, जमीन नामांतरण, प्राकृतिक आपदा से पीड़ित पक्ष से तहसील कार्यालय के बाबू के माध्यम से 05 से 10 हजार रुपए की अवैध उगाही की शिकायत आ रही है। राजस्व से जुड़े ऐसे कई मामले हैं, जिनमें पीड़ित सहित पक्षकार और उनके अधिवक्ता कोटा तहसीलदार द्वारा प्रताड़ित हो रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here