बिलासपुर। पुरुषों के प्रभुत्व वाले समाज में अक्सर महिलाओं को विवाह के बाद अपने टैलेंट को दबाकर घर-परिवार में सिमट जाना पड़ता है लेकिन यदि उसके जीवनसाथी का रुख सकारात्मक हो तो वह अपनी खूबी को दुनिया के सामने लाकर कामयाबी हासिल कर सकती है।

शांतिनगर की रिचा जैन ने विवाह के 15 साल बाद मिस इंडिया यूनिवर्स ग्लोब का पुरस्कार जीत कर यह साबित कर दिखाया है। पेशे से कांट्रेक्टर शहर के शांतिनगर के निवासी निशांत जैन के साथ 15 वर्ष का वैवाहिक जीवन बिताने के बाद पहले से ही मॉडलिंग में रुचि रखने वाली रिचा जैन ने बीते माह दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक मॉरीशस के लिए उड़ान भरी।

रिचा ने वहां आर्चर्ज मिसेज इंडिया यूनिवर्स 2019, ग्लोब का खिताब जीत लिया। इसके अलावा उन्हें मिसेज यूनिवर्स विवैसियस का ताज भी पहनाया गया। इस इवेन्ट के फाउन्डर तुषार धारीवाल और प्रेसिडेन्ट अर्चना तोमर हैं, जिनका मॉडलिंग के क्षेत्र में बड़ा नाम है।

विवाह के पहले जब रिचा जैन आगरा में रहा करती थीं तभी से उनमें मॉडलिंग के प्रति रूचि थी। कुछ उत्पादों के लिए तब उन्होंने काम भी किया था। विवाह के बाद वे ससुराल आ गईं फिर दो संतानों की मां बन गई। बड़ा बेटा 13 वर्ष का है जो हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा है और छोटा 8 साल का, जो बिलासपुर में साथ है। बच्चे जब छोटे थे तब उनकी देखभाल में समय बीता। इस दौरान पूरा समय उन्होंने घर में ही बिताया।

इस साल की शुरूआत में उन्होंने विवाहित महिलाओं के लिए मिसेज इंडिया यूनिवर्स प्रतियोगिता का ऑनलाइन विज्ञापन देखा और उन्होंने 35 वर्ष आयु वर्ग के लिए आवेदन फॉर्म भर दिया। जुलाई माह में रायपुर में पहला ऑडिशन हुआ जिसमें 40-50 लोगों के बीच में से पांच लोगों को फाइनल में चुना गया। कड़ी स्पर्धा के बाद उनका सलेक्शन मॉरीशस में होने वाली मिसेज यूनिवर्स इंडिया प्रतियोगिता के लिए हो गया।

मॉरिशस के ट्राइनान कन्वेशन हॉल में पिछले माह 12 अक्टूबर से शुरू हुई प्रतियोगिता के विभिन्न राउण्ड 18 अक्टूबर तक चले। इसमें भारत के अलावा श्रीलंका, दुबई कुवैत, तमिलनाडु इत्यादि से भी प्रतिभागी आये हुए थे। इसमें उनकी लर्निंग, थॉट्स, टैलेन्ट, पर्सलनिटी, मानव स्वभाव, महिला सशक्तिकरण आदि पर सवाल किये गये। 40 प्रतियोगियों के बीच कड़ी स्पर्धा में रिचा ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मिसेज यूनिवर्स ग्लोब का ताज जीत लिया। मॉरीशस के प्रेसिडेन्ट तथा भारत के फिल्म कलाकार संभावना सेठ, कुणाल कपूर आदि की मौजूदगी में प्रतियोगिता का समापन समारोह हुआ।

रिचा जैन को उनके शुभचिंतकों, पारिवारिक मित्रों और रिश्तेदारों की ओर से इस उपलब्धि के लिए बधाई तो मिल ही रही है, साथ ही उनके पति निशांत की भी रिचा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशंसा हो रही है। रिचा जैन ने बताया कि उनके सास-ससुर जो गुड़गांव में रहते हैं, उनका भी रुख इस प्रतियोगिता में भाग लेने के विषय में सकारात्मक रहा। रिचा ने कहा कि यदि परिवार का साथ मिले तो विवाह के बाद भी महिलाओं को आगे आने का मौका मिल जाता है। हर महिला में कोई न कोई प्रतिभा या विशेष योग्यता है। ससुराल में इस बारे में बात कर उन्हें अपनी क्षमता को सामने लाने के लिए सहमत करने का प्रयास करना चाहिए। इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। बिलासपुर प्रेस क्लब में भी विगत दिनों उन्होंने अपने विचार साझा किये।

रिचा जैन आयोजकों की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार आने वाले दिनों में पेरिस, इंग्लैंड जैसे देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जायेंगीं।

फिलहाल, रिचा जैन की उपलब्धि से प्रभावित अनेक लोगों ने उनसे सम्पर्क किया है और समाज सेवा के कार्यक्रमों में साथ लेने की इच्छा व्यक्त की है। रिचा जैन ने भी अपनी रूचि समाज सेवा में दिखाई है और एक संस्था निदान से जुड़ चुकी हैॆ जो छात्राओं, किशोरियों को स्वस्थ रहने के लिए सेनैटरी नैपकीन मुहैया का काम प्रमुख रूप से करती है।

 

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