रायपुर की उच्चस्तरीय बैठक में हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन का निर्णय लिया गया

बिलासपुर। हाईकोर्ट द्वारा बिलासपुर में कोरोना का टेस्टिंग लैब स्थापित करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस पर तत्काल प्रक्रिया तेज कर दी और एक निजी अस्पताल आरबी हास्पिटल का इसके लिये चयन कर लिया गया। रायपुर में स्वास्थ्य विभाग की एक बैठक में इसका निर्णय लिया गया।

ज्ञात हो कि हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को कोरोना वायरस से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन दिन के भीतर बिलासपुर में कोरोना टेस्ट लैब स्थापित करने का आदेश दिया था। इस समय बिलासपुर और सरगुजा संभाग से आने वाले सैम्पल परीक्षण  के लिए रायपुर एम्स में भेजा जा रहा है जिसकी रिपोर्ट आने में काफी समय लग रहा है। इसे देखते हुए बिलासपुर में टेस्ट लैब शुरू करने की मांग उठाई गई थी।

मंगलवार को स्वास्थ्य संचालक डॉ. एस. एल. आदिले ने सिम्स व आरबी हास्पिटल का निरीक्षण किया। दोनों जगह उपलब्ध सुविधाओं का आकलन करने के बाद आरबी हॉस्पिटल में टेस्टिंग लैब तैयार करने का निर्णय लिया गया है। स्वर्ण जयंती नगर, रिंग रोड दो स्थित आरबी हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन, आरटीपीसीआर मशीन व टेस्टिंग उपकरण आवश्यकतानुसार उपलब्ध हैं।

टेस्ट लैब स्थापित होने के बाद बिलासपुर के छह जिलों सहित सरगुजा संभाग के जिलों से आने वाले सैम्पल की कोरोना जांच रिपोर्ट समय पर तैयार हो सकेगी।

हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की स्वास्थ्य सचिव निहारिक बारिक सिंह ने बैठक भी ली। उसके बाद आरबी हॉस्पिटल को अधिग्रहित करने के बारे में निर्णय लिया गया। बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध ट्रूू-नेट मशीन से संभावित लोगों की स्क्रीनिंग कराकर लक्षण वाले मरीजों का कोरोना टेस्ट कराने का निर्णय लिया गया।

क्वारांटाइन और आइसोलेशन सेंटर भी तैयार

ज्ञात हो कि बिलासपुर में 100 बिस्तरों वाला क्वारांटाइन सेंटर नर्सिंग कॉलेज लगरा में तैयार किया गया है। इसी तरह जिला अस्पताल स्थित मातृ-शिशु अस्पताल में 100 बिस्तरों का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। पूर्व में स्वास्थ्य विभाग ने शहर के दो बड़े अस्पतालों में इनकी स्थापना पर विचार किया था जिनमें अपोलो हॉस्पिटल और आरबी हॉस्पिटल दोनों से चर्चा हुई थी। बताया जाता है कि दोनों को तैयार करने में शासन को अधिक खर्च करना पड़ता साथ ही किराया भी बहुत अधिक देना पड़ता। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर प्रयास किया और स्वास्थ्य विभाग के ही भवनों का चयन किया। रेडक्रास बिलासपुर को जन सहयोग से मिली राशि का इनमें इस्तेमाल किया जा रहा है।

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