अमरकंटक बार्डर पर हंगामा किया, आखिरकार मोबाइल नेटवर्क वाली जगह पर ठहराने से हुए शांत

बिलासपुर। कोटा, राजस्थान के विभिन्न कोचिंग सेंटर में पढाई के लिए गये बच्चे लॉकडाउन के कारण करीब एक माह फंसे होने के बाद छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं, जिन्हें प्रदेश के सीमावर्ती जिला मुख्यालय गौरेला में रोक लिया गया है। बस से पहुंचे 15 छात्रों और दो ड्राइवरों को 14 दिन के क्वारांटाइन पर गौरेला के एक हॉस्टल में रखा गया है। घर के नजदीक आ जाने के बावजूद प्रदेश की सीमा पर ही रोक दिये जाने से नाराज छात्रों ने काफी हंगामा किया लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर रुकने के लिए तैयार कर लिया गया  है।

मालूम हो कि देश के कोचिंग कैपिटल कहे जाने वाले कोटा (राजस्थान) में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से करीब चार हजार बच्चे पढ़ते हैं। इऩमें से बहुत से बच्चे बीते 23 मार्च को घोषित लॉकडाउन के बाद वहीं फंस गये थे। इन्हें राजस्थान सरकार के अधिकारियों ने वहीं रोक रखा था। वहां ज्यादातर बच्चे या तो पेइंग गेस्ट के रूप में दूसरों के घर पर या फिर हॉस्टल की कम जगह वाले कमरों में रहते हैं, जिन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसे देखते हुए उन्हें अपने-अपने गृह राज्यों में जाने की अनुमति दी गई। बिलासपुर संभाग के जांजगीर, रायगढ़ के अलावा कल आने वाले ये बच्चे रायपुर और बलौदाबाजार से भी हैं।

गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही की कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी और पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार से हुई बातचीत के अनुसार एक बस में पहुंचे सभी 15 छात्रों और उनके साथ आये दो ड्राइवर क्वारांटाइन पर रखे गये हैं। इन छात्रों को काफी समझा-बुझाकर रोकना पड़ा। लम्बे सफर के बाद यहां आने के बाद वे घर पहुंचना चाहते थे, पर गाइड लाइन के मुताबिक दूसरे प्रदेश से आने वाले लोगों को सीमावर्ती जिले में ही रोककर क्वारांटाइन पर रखा जाना है। गौरेला पुलिस ने बच्चों को नियमानुसार अमरकंटक की सीमा पर रोक लिया लेकिन बच्चों ने घर जाने के लिए हंगामा कर दिया। उन्हें काफी समझाना पड़ा। बच्चे इस बात पर माने कि उन्हें कम से कम ऐसी जगह पर रोका जाये जहां मोबाइल नेटवर्क की सुविधा हो। तब उन्हें गौरेला में कोरोना संकट के बाद खाली कराये गये ट्राइवल गर्ल्स हॉस्टल में रखा गया है। सभी बच्चों और दोनो ड्राइवरों का स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया गया है। इन्हें 14 दिन यहीं पर रखा जायेगा। बच्चों को कोई असुविधा न हो प्रशासन इसका ध्यान रख रहा है। साथ ही शहर के स्वयंसेवी भी अपनी ओर से उन्हें भोजन आदि उपलब्ध कराने आगे आ गये हैं।

कोई केस नहीं, सतर्कता बरत रहे- कलेक्टर

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण का एक भी केस नहीं है। लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है ताकि लोग अपने घरों में रहकर इसी तरह सुरक्षित रहें। आवश्यक सेवाओं के लिए सामाजिक दूरी का पालन भी कराया जा रहा है।

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