बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को इस सप्ताह दूसरी बार रात में खोलकर प्रकरण को सुना गया और याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश दिया गया।

राज्य सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के डेंटल कॉलेजों की खाली सीटों को भरने के लिए 9 अप्रैल की शाम को 1137 छात्रों की सूची जारी की थी और मॉप अप राउंड की प्रक्रिया 10 अप्रैल को पूरी करने के लिए कहा। इस आदेश के विरुद्ध त्रिवेणी डेंटल कॉलेज बिलासपुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निर्मल शुक्ला, शैलेंद्र शुक्ला और अर्जित तिवारी ने रविवार को याचिका दायर की और तुरंत सुनवाई का आग्रह किया। याचिका में कहा गया था कि काउंसलिंग की प्रक्रिया के लिए पूरी तरह से एक दिन का समय भी नहीं दिया गया है। काउंसलिंग में न केवल प्रदेश बल्कि बाहर से ही छात्रों को सूचना देकर बुलाना होगा, यह संभव नहीं है। इसके अलावा सूची की स्क्रूटनी भी करनी होगी। यदि 10 अप्रैल को काउंसलिंग की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया गया तो सैकड़ों छात्रों को प्रवेश से वंचित होना पड़ेगा। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए रजिस्ट्रार जनरल ने इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी को सूचित किया। चीफ जस्टिस ने रविवार 10 अप्रैल की रात में ही प्रकरण की सुनवाई करने का फैसला लिया। प्रकरण की सुनवाई रविवार की रात जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच ने करते हुए काउंसलिंग की प्रक्रिया को एक 13 अप्रैल को पूरी करने का आदेश दिया है ताकि प्रवेश के पात्र छात्रों को इसमें शामिल होने का समय मिल सके। हालांकि चिकित्सा संचालक की ओर से शासन के अधिवक्ता ने डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों का हवाला देते हुए परिपत्र को उचित बताया था। प्रकरण की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।

इसके पहले बीते मंगलवार की रात को हाईकोर्ट ने रायपुर नगर निगम में अतिक्रमण की भूमि पर तोड़फोड़ की कार्रवाई पर स्थगन दिया था। याचिकाकर्ता के मामले में सुनवाई बुधवार को होनी थी पर मंगलवार को ही रायपुर नगर-निगम ने तोड़-फोड़ की तैयारी कर ली थी। इसके विरुद्ध प्रभावित पक्ष ने याचिका दायर की थी। अर्जेंट सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नगर-निगम की कार्रवाई पर अगले आदेश पर रोक लगाई है।

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