बिलासपुर। ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर के निर्माण के लिये एसईसीएल, इरकॉन और छत्तीसगढ़ सकार के बीच 22 जुलाई को प्रायोजक सपोर्ट समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। इसके साथ ही बैंकों से लिये जाने वाले 3,976 करोड़ रुपये के कर्ज लेने की औपचारिकता पूरी हो गई है।

एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के समूह से मिलने वाला यह ऋण प्रोजेक्ट की कुल लागत 4,970.11 करोड़ का 80 प्रतिशत है। बैंकों के जिस समूह से ऋण लिया जाएगा उनमें स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया एवं इण्डियन बैंक शामिल हैं।

सीडब्ल्यूआरएल के इस प्रोजेक्ट में 135.30 किलोमीटर ब्राडगेज इलेक्ट्रिफाईड डबल रेलवे लाईन एवं 56 किलोमीटर की कनेक्टिविटी रेलवे लाईन होगी। इस कॉरीडोर के पूर्ण होने से गेवरा रोड से चाम्पा के बीच सिंगल रेल लिंक पर ढुलाई का भार कम होगा। यह गेवरा रोड स्टेषन को पेण्ड्रा में बिलासपुर-अनूपपुर-कटनी रेल लाईन को जोड़ने से कोयला परिवहन हेतु सबसे कम दूरी वाला रेल मार्ग मुहैया कराएगा।

ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरीडोर के प्रमोटर्स द्वारा अभी तक 650 करोड़ की लागत लगाई जा चुकी है। इस लागत से मुख्यतः मुख्य लाइन में भूमि-अधिग्रहण एवं वन स्वीकृति ली गयी है। यह प्रोजेक्ट मार्च 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस रेल कॉरीडोर के निर्माण से कोयला ढुलाई के साथ-साथ लोगों के आवाजाही में सुगमता आएगी। इससे रेल कॉरीडोर के आसपास के क्षेत्रों में विकास होगा एवं के लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे। एसईसीएल के सीएमडी एपी पण्डा ने रेल कॉरिडोर को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया है ताकि क्षेत्र को जल्दी लाभ मिलना शुरू हो।

ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरीय क्षेत्र में रेल कॉरीडोर विकसित करने के लिये रेलवे मंत्रालय एवं छत्तीसगढ़ शासन के मध्य 27 फरवरी 2012 को समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। एसईसीएल ने राज्य के इस क्षेत्र में कोयला उत्पादन में अग्रणी कम्पनी होने के कारण, रेल कॉरिडोर विकसित करने के लिए गठित की गई स्पेशल परपस व्हीकल (एसपीव्ही) में सहभागी होने का निर्णय लिया। इसके अंतर्गत दो रेल कॉरीडोर जिनमें ईस्ट रेल कॉरीडोर (मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स) एवं ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरीडोर (कोरबा कोलफील्ड्स) के निर्माण में एसईसीएल की सहभागिता है। इसी श्रृंखला में एसईसीएल, इरकॉन एवं छत्तीसगढ़ षासन के मध्य 3 नवंबर.2012 को ज्वाईंट वेन्चर कम्पनी द्वारा इन दो रेल कॉरीडोर को विकसित करने का समझौता हुआ। समझौते के अंतर्गत इस ज्वाईंट वेन्चर कम्पनी में एसईसीएल की 64 प्रतिशत, इरकॉन की 26 प्रतिशत एवं छत्तीसगढ़ शासन की 10 प्रतिशत भागीदारी है। यह रेल कॉरीडोर माल ढुलाई के साथ-साथ जन-सामान्य के आवाजाही के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा।  इन दोनों रेलवे परियोजनाओं को ‘स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट’ का दर्जा प्राप्त है। इसके निर्माण को सरकार प्राथमिकता दे रही है। बीते वर्ष 2019 में 12 अक्टूबर को ईस्ट रेल कॉरीडोर फेस-एक के खरसिया-कोरीछापर के बीच 45 किलोमीटर सिंगल रेल लाइन शुरू की जा चुकी है।

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