बिलासपुर, 3 सितंबर। गौरेला पुलिस ने भाजपा नेत्री समीरा पैकरा की सात माह पुरानी शिकायत पर कार्रवाई की मांग को लेकर किये गए प्रदर्शन के लगभग 18 घंटे बाद पुलिस ने मरवाही के पूर्व विधायक व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को गिरफ्तार कर लिया और करीब 24 घंटे बाद जेल जाना पड़ गया। उन्हें आज पेन्ड्रा के व्यवहार न्यायालय में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका नामंजूर कर दी गई और 14 दिन की न्यायिक हिरासत में गोरखपुर जेल (पेन्ड्रा) भेज दिया गया। अमित जोगी ने तीन दिन पहले सिविल लाइन थाने में पहुंचकर अपने खिलाफ जाति मामले में एफआईआर दर्ज करने की चुनौती दी थी और पुलिस ने उसे जन्म प्रमाण पत्र के मामले में आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया और कोर्ट ने उन्हें जेल भी भेज दिया।

इस साल 3 फरवरी को पूर्व विधायक अमित जोगी के खिलाफ जन्म प्रमाण पत्र मामले में धोखाधड़ी का अपराध पेन्ड्रा थाने में दर्ज किया गया था। सन् 2013 में मरवाही से विधायक रहे अमित जोगी के विरुद्ध भाजपा से समीरा पैकरा ने चुनाव लड़ा था। चुनाव के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर उनका निर्वाचन निरस्त करने की मांग की थी।  पैकरा के अन्य आरोपों में से एक यह भी था कि अमित जोगी ने तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण-पत्र बनवा रखे हैं।

हाईकोर्ट ने अमित के खिलाफ पैकरा की चुनाव याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि जोगी का कार्यकाल खत्म हो चुका है, अतएव इस पर कोई निर्णय लेने का औचित्य नहीं है। अमित जोगी इसी आदेश की प्रतिलिपि के साथ तीन पहले सिविल लाइन थाने में पेश हुए थे, जिसमें उन्होंने एक बिन्दु का हवाला देते हुए दावा किया कि हाईकोर्ट ने उन्हें आदिवासी माना है। वहां उन्होंने मांग की थी कि जब पिता के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ है तो उनके खिलाफ भी अपराध दर्ज किया जाये। कोर्ट के फैसले में हुए उल्लेख के आधार पर जोगी और उनका परिवार कहता आ रहा है कि देश में यह अनोखा मामला है, जिसमें पिता को आदिवासी नहीं माना जा रहा है जबकि कोर्ट ने पुत्र को आदिवासी माना है। उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति द्वारा बीते 23 अगस्त को अमित के पिता पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के आदिवासी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था।

भाजपा सरकार के दौरान, भाजपा की ही नेत्री समीरा पैकरा ने अमित जोगी के खिलाफ तीन बार एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन सफल हुईं तब जब कांग्रेस की सरकार बन गई। हालांकि पैकरा का कहना है कि उसे इस लड़ाई में अपनी पार्टी का पूरा साथ मिलता रहा है। उनका कहना है कि फरवरी में एफआईआर दर्ज कराने में  सफलता इसलिए मिली क्योंकि विदेश मंत्रालय के गृह सचिव के हाईकोर्ट में दिये गए बयान की प्रमाणित प्रति मैंने पुलिस में जमा कराई है। केन्द्र सरकार के हलफनामे के अनुसार अमित जोगी का जन्म सारबहरा (गौरेला) में नहीं बल्कि अमेरिका के टेक्सास में हुआ।

पैकरा ने थाने में शिकायत दर्ज करा रखी है कि वे मरवाही विधानसभा सीट से सन् 2013 में प्रत्याशी रही हैं। कांग्रेस की ओर से अमित जोगी ने जो नामांकन दाखिल किया था, उसमें अपना जन्म स्थान सारबहरा, गौरेला तथा जन्मतिथि 1978 बताया था। चुनाव के बाद हाईकोर्ट में दायर की गई उनकी याचिका के जवाब में अमित जोगी ने अपना जन्म अमेरिका के टैक्सास प्रांत के डगलास में होना बताया तथा जन्म तिथि 1977 बताई है। जोगी ने 2013 के चुनाव में झूठा प्रमाण पत्र नामांकन के साथ जमा किया। तब पुलिस ने पैकरा की रिपोर्ट पर धारा 420, 467,468 तथा 478 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया। फरवरी में दर्ज अपराध पर अमित जोगी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पैकरा कई बार पेन्ड्रा थाने गईं।  दर्जनों समर्थकों के साथ उन्होंने दो सितम्बर को जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रदर्शन किया । पुलिस अधीक्षक ने पैकरा को आश्वास्त किया था कि दर्ज रिपोर्ट पर शीघ्र कार्रवाई की जायेगी।

सुबह गिरफ्तारी, दोपहर बाद जेल

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष व मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी को मंगलवार की सुबह पुलिस ने मरवाही सदन से गिरफ्तार किया। इस दौरान वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया। सुबह करीब 8.30 बजे गौरेला के एडिशनल एसपी संजय ध्रुव, बिलासपुर एडिशनल एसपी ओमप्रकाश शर्मा बड़ी संख्या में मरवाही सदन पहुंचे जहां मौजूद अमित जोगी को सूचना दी गई कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। अमित जोगी ने तैयार होने के लिये समय मांगा और आधे घंटे बाद 9.45 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें गौरेला की कोर्ट में पेश किया गया।

कोर्ट में अपनी पैरवी खुद करते हुए अमित जोगी ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के चलते उन्हें फंसाया गया है। वे दंतेवाड़ा विधानसभा उप-चुनाव में आज अपने उम्मीदवार का नामांकन दाखिल कराने के लिए जाना चाहते थे, इसलिये उन्हें गिरफ्तार किया गया है। यह संभवतः देश में अनोखा मामला है जिसमें हाईकोर्ट के निर्णय को थाने में चुनौती गी गई है। सरकारी वकील ने बताया कि अमित जोगी के जन्म स्थान और जन्म तिथि को लेकर अलग-अलग प्रामाणिक दस्तावेज हैं, जो उन्होंने स्वयं अपने दस्तावेज विभिन्न जगहों पर प्रस्तुत किये हैं। दस्तावेजों को लेकर अभी जांच और की जानी है अतएव, उन्हें जमानत दिया जाना उचित नहीं होगा।  दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अमित जोगी की जमानत याचिका निरस्त कर दी। उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। अमित जोगी ने ऊपर की अदालत में इसके खिलाफ अपील की बात कही है।

पुलिस ने जोगी परिवार के करीबी और उनकी पार्टी के एक प्रमुख नेता समीर अहमद ‘बबला’ और दो अन्य कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया है। इनकी पुरानी फाइलों को खोलकर दूसरे मामलों में गिरफ्तारी दर्शाई गई है। पुलिस का कहना है कि अमित जोगी की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक शांति भंग कर सकते हैं इसे रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई। मरवाही सदन में इसके बावजूद दर्जनों कार्यकर्ता गिरफ्तारी के दौरान पहुंच गये। वे भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। एएसपी संजय ध्रुव ने इस बात से इनकार किया कि यह राजनीति प्रेरित या दबाव में की गई कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि अमित जोगी के खिलाफ अपराध दर्ज था। जांच करने के बाद गिरफ्तारी की गई है।

जंगल राज, दंतेवाड़ा जाने से रोकने के लिए की गई गिरफ्तारी-जोगी

अमित जोगी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके पिता, पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी ने कहा कि यह दंतेवाड़ा उप-चुनाव में अमित जोगी और पार्टी की सक्रिय भागीदारी को रोकने के लिए की गई कार्रवाई हैछत्तीसगढ़ में कांग्रेस का राज नहीं, जंगल राज चल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने को कानून और न्यायपालिका से ऊपर समझते हैं इसीलिये बदले की राजनीति पर उतर आये हैं। हमें भाजपा की बी टीम बताया जाता है पर दरअसल बी टीम बघेल की ही है, जिसने भाजपा नेता की शिकायत पर कार्रवाई की। भाजपा शासनकाल में हम तो आठ साल तक भुगतते ही रहे हैं। अमित जोगी एक अच्छे वकील हैं और वे इस कार्रवाई का अच्छे से सामना करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। जोगी ने कहा कि उनके समर्थक लोकतांत्रिक तरीके से ही विरोध दर्ज कराते हैं, अमित जोगी की गिरफ्तारी को लेकर भी वे इसका उल्लंघन नहीं करेंगे। अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी ने भी आज मरवाही सदन में पत्रकारों से कहा कि एक बहुत पुराने मामले में राजनीतिक द्वेषवश अमित जोगी की गिरफ्तारी की गई है।

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