राम जन्मभूमि विवाद पर चल रहे केस में दावे को शामिल करने की मांग

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने अग्रवालों को भगवान राम का वंशज बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में शपथ-पत्र प्रस्तुत किया है और मांग की है कि राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई में उनके इस दावे को शामिल किया जाये।
मालूम हो कि राजजन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस बीच कोर्ट ने पूछा था कि क्या भगवान श्रीराम का कोई वंशज इस समय दुनिया में है। इसके बाद अनेक लोगों ने अपने को भगवान राम का वंशज बताया।
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अधिवक्ता देवरीखुर्द निवासी हनुमान प्रसाद अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार को एक शपथ-पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा है। उन्होंने  श्रीमद् आदि भागवत पुराण के उस अंश का उल्लेख करते हुए कहा है कि अयोध्या मामले में सुनवाई के दौरान उनके इस तथ्य को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने पौराणिक ग्रंथों के हवाले से कहा है कि क्षत्रिय महाराजा इक्ष्वाकु के कुल में महाराजा मांधाता, दिलीप, भागीरथ, कुकुत्स्य, मारुत, रघु, दशरथ थे। दशरथ से श्रीराम ने जन्म लिया, जिनके दो पुत्र लव और कुश थे। इनमें से कुश के कुल में महाराजा अग्रसेन का जन्म हुआ, वे महाराजा वल्लभसेन के 18वें पुत्र थे। महालक्ष्मी से वरदान प्राप्त होने के बाद महाराज अग्रसेन के वंशज अग्रवाल हुए। महाराजा अग्रसेन का इतिहास 5189 वर्ष पुराना है। इस समय के अग्रवाल भगवान श्रीराम के कुल के 34वीं पीढ़ी के लोग है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में जयपुर राजघराने की कुमारी दीया ने भी अनेक दस्तावेजों और वंश वृक्ष के साथ भगवान श्रीराम की 307वीं पीढ़ी होने का दावा किया है।
 

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