सामाजिक संगठन ‘अरपा-अभियान’ ने वृहद सफाई अभियान में लोगों से शामिल होने का किया आह्वान

दो अक्टूबर को हम बिलासपुर को सम्पूर्ण स्वच्छ शहर घोषित करने जा रहे हैं। नगर निगम ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान चला रखा है। सड़कों की सफाई अत्याधुनिक मशीनों और निगरानी प्रक्रिया से हो रही है। घरों से गीला-सूखा कचरा उठाया जा रहा है और कछार स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में उसकी रि-साइकिलिंग शुरू कर दी गई है। पर अरपा का क्या होगा?

गणेश विसर्जन के बाद अरपा नदी में जगह-जगह गंदगी पसर गई है। यदि सम्पूर्ण स्वच्छ शहर के पैमाने में अरपा नदी शामिल नहीं है तो दो अक्टूबर को होने वाली घोषणा का कोई औचित्य नहीं है। यदि अरपा साफ हो पाई तो यह नगर-निगम सहित शहर वालों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। पर सवाल है कि क्या ऐसा हो पाएगा?

विसर्जन के बाद मलबे की सड़ांध

छठ घाट, छाया-सत्यप्रकाश पांडेय।

गणेश विसर्जन के बाद अरपा नदी में विशेषकर छठ घाट और पचरी घाट में गंदगी पसरी पड़ी है। शहरभर में दस दिवसीय गणेशोत्सव बड़े धूमघाम के साथ मनाया गया। इसके बाद उतने ही जोश-खरोश और गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं का विसर्जन भी हुआ। गणेश विसर्जन के बाद अरपा नदी के छठ घाट पर बड़ी संख्या में पॉलिथीन और पूजन सामग्रियों का कचरा यहां से वहां तक बिखरा पड़ा है। इसका मलबा अब सड़ांध मारने लगा है। इससे नदी प्रदूषित हो रही है लेकिन इसे साफ करने के लिए न तो प्रशासन ने अभी तक कोई सार्थक पहल की और न ही कोई सामाजिक संस्था सामने आई है।

श्रद्धालुओं के कोप का भाजन बनती नदी 

हालांकि, अरपा को सालों पहले ही प्रदूषित और गंदगी के ढेर में तब्दील किया जा चुका है लेकिन आस्था के बाद यहां-वहां फैले कचरे को देखकर समझा जा सकता है कि ये नदी साल में कइयों बार श्रद्धालुओं के कोप का भाजन बनती रही है।
इस बरस गनीमत ये रही कि अधिकाँश गणेश प्रतिमाएं मिट्टी की बनी हुई थीं। विसर्जन के बाद वो पानी में घुल गईं लेकिन प्रतिमाओं के घुल जाने के बाद कहीं लकड़ी की टुकड़े, बांस की बल्लियां, मिट्टी के टूटे हुए बर्तन, पानी में भीगे रंग-बिरंगे कागज, प्लास्टिक की थैलियां, भगवान गणेश पर चढ़ाये गए रंग-बिरंगे वस्त्र और आकार देने के लिए इस्तेमाल किया गया पैरा अरपा के किनारे तैर रहा है। मूर्ति विसर्जन के बाद हालात खतरनाक हैं क्योंकि प्रतिमाओं के साथ प्लास्टिक एवं अन्य खतरनाक अघुलनशील कचरा और विषैली सामग्री अरपा में तैर रही है।

तालाबों का भी यही हाल 

कुछ इसी तरह का हाल शहर से लगे तालाबों, जलाशयों का भी है। विसर्जन के बाद स्वच्छता की पैरोकारी करने वाले सामाजिक संगठन न तो सामने आते हैं, न ही प्रशासन इस मलबे को उठवाने की जहमत उठाता है। नतीजतन महीनों ये मलबा किनारे पड़ा सड़ांध मारता रहता है। छठ घाट में फिर भी राहत है क्योंकि कुछ समय बाद दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन फिर छठ पूजा के लिए नगर निगम प्रशासन साफ़-सफाई कराएगा। फिलहाल अरपा नदी की तकदीर और इस तस्वीर की सूरत बदलने में वक्त लगने की संभावना है।

फोटो जर्नलिस्ट सत्य प्रकाश पांडेय ने अपने फेस बुक पेज पर लिखा हैः- “इसे कचरा या फिर गंदगी मत समझिये, ये तो हमारी आस्था के बाद का बचा हुआ वो सच है, जो अब सड़ांध मारने लगा है। हमने कभी मुड़कर इस हकीकत को देखने की कोशिश ही नहीं की। जिन नदियों-तालाबों को हम देव स्वरूप मानकर उसके पवित्र जल से आचमन करते हैं उसे गंदगी के ढेर में तब्दील हमने मिलकर किया है। शहर की जीवनदायिनी अरपा के छठ घाट का ये सूरत-ए- हाल हमारी ‘स्वच्छ’ मानसिकता का सबूत है। तस्वीरों को गौर से देखकर सोचियेगा जरूर हम अपनी आस्था के पीछे नदी-तालाबों में क्या छोड़ आते हैं।“

 घाटों पर दो अक्टूबर को चलेगा अभियान

गणेश विसर्जन के बाद अरपा में पसरी गंदगी से चिंतित सामाजिक संस्थाओं ने इसकी सफाई के लिए आगे आने का निर्णय लिया है।

अरपा अर्पण महाअभियान संस्था के श्याम मोहन दुबे ने शहरवासियों से अपील की है कि वे दो अक्टूबर को उसी उत्साह से मां अरपा के तट पर पहुंचे जिस धूमधाम से लोगों ने 23 सितंबर से लेकर अब तक गणेश विसर्जन किया था। दुबे ने कहा कि अरपा की सफाई सेंदरी घाट से शुरू की जाएगी और शिव घाट, गोंडपारा, पुराने पुल के पास जबड़ापारा, शनिचरी बाजार, पचरी घाट, दयालबंद और छठघाट पर अरपा को स्वच्छ करने का अभियान चलाया जाएगा।

दुबे ने अपनी अपील में कहा कि अरपा की कौन सुने? वह तो हम सब की यातना ही सहने के लिए है। बड़ी गणेश जी की मूर्ति से बिलासपुर पर प्रभाव पड़ेगा, ऐसा हम सोचते हैं पर पतली सी धार लिए अरपा जो अपने अस्तित्व को बचाने के लिए बह रही है वह इससे डरी सहमी दिखाई देती है। अरपा थकी, बीमार सी है। जगह-जगह पॉलिथीन, फूल-माला, लड़कियों के अवशेष से पटी अरपा बहने की कोशिश कर रही है। आखिर सालभर वह हमें पानी पिलाती है, चाहे तापमान 49.3 डिग्री तक न चढ़ जाए। इसके बावजूद की हम यहां रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं और कूड़ा करकट डाल रहे हैं।

(दो अक्टूबर के स्वच्छता अभियान से जुड़ने के लिए फोन नंबर-7803010115 , 9479110115 पर श्याम मोहन दुबे से जुड़ें।)

 

 

 

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